छत्तीसगढ़: विष्णु देव साय को दही हांडी उत्सव में शामिल होने का मिला आमंत्रण, मुख्यमंत्री ने समिति के सदस्यों को दिया धन्यवाद

KNEWS DESK – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में सार्वजनिक दही हांडी उत्सव समिति गुढियारी, रायपुर के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री को भगवान कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर 27 अगस्त को आयोजित दही हांडी उत्सव प्रतियोगिता में सम्मिलित होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने इस निमंत्रण के लिए समिति के सदस्यों को धन्यवाद दिया और इस आयोजन में भाग लेने की इच्छा जताई।

इस मुलाकात के दौरान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, संयोजक बसंत अग्रवाल, सह-संयोजक हेमेंद्र साहू और अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। संयोजक अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष की दही हांडी प्रतियोगिता में केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा और अन्य राज्यों से भी गोविंदा टोलियों का आगमन होगा। इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में काफी उत्साह है, और विभिन्न राज्यों से आने वाली गोविंदा टोलियाँ अपनी कला और कौशल का प्रदर्शन करेंगी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की होगी प्रस्तुति

दही हांडी उत्सव के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। शिव भजन गायक बाबा हंसराज रघुवंशी और छत्तीसगढ़ की लाडली बेटियों, गरिमा-स्वर्णा दिवाकर द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी। इसके साथ ही उड़ीसा के कलाकारों द्वारा पारंपरिक घंटा बाजा का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस उत्सव का एक और खास आकर्षण वृंदावन से आई कृष्ण लीला की मनमोहक झांकी होगी, जो श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को दर्शकों के सामने जीवंत करेगी।

विभिन्न राज्यों से आएँगी गोविंदा टोलियाँ

इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी हिस्सा लेंगे, जिससे इस कार्यक्रम की महत्ता और बढ़ जाती है। अग्रवाल ने कहा कि यह उत्सव भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की झलकियों को प्रदर्शित करेगा, जिससे श्रीकृष्ण भक्तों के लिए यह आयोजन और भी विशेष बन जाएगा। आयोजन समिति ने इस उत्सव को यादगार बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है, और उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के उत्सव में शामिल होने से इसे और भी भव्य बनाने की उम्मीद जताई। 27 अगस्त को होने वाला यह दही हांडी उत्सव रायपुर के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण और मनोरंजक आयोजन होने का वादा करता है, जिसमें परंपरा, कला, और संस्कृति का संगम देखने को मिलेगा।

About Post Author