KNEWS DESK- चंद्रयान 3 चांद की तरफ जाने वाली आखिरी कक्षा में पहुंच गया है। यह वो पल है जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
इसरो ने किया ट्वीट
ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है। यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे. अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।
Chandrayaan-3 Mission:
Today’s successful firing, needed for a short duration, has put Chandrayaan-3 into an orbit of 153 km x 163 km, as intended.
With this, the lunar bound maneuvres are completed.
It’s time for preparations as the Propulsion Module and the Lander Module… pic.twitter.com/0Iwi8GrgVR
— ISRO (@isro) August 16, 2023
“हम चांद के काफी करीब पहुंच गये”
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने कहा है कि हम चांद के काफी करीब पहुंच गये हैं। इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में उनका लैंडर चांद पर होगा। इस सफलता से चांद की यात्रा के लिए आगे के प्रवेश द्वार खुलेंगे।
17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे. इसी दिन दोनों मॉड्यूल चंद्रमा के चारों तरफ 100 km x 100 km की गोलाकार ऑर्बिट में होंगे. 18 अगस्त की दोपहर पौने चार बजे से चार बजे के बीच लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी यानी उसकी कक्षा की ऊंचाई में कमी लाई जाएगी। 20 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की रात पौने दो बजे डीऑर्बिटिंग होगी।
23 अगस्त को लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। सबकुछ सही रहेगा तो पौने छह बजे के करीब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा। ISRO के बेंगलुरु में मौजूद सेंटर टेलिमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (MOX) से लगातार चंद्रयान-3 की सेहत पर नजर रखी जा रही है. फिलहाल चंद्रयान-3 के सभी यंत्र सही तरीके से काम कर रहे हैं।