KNEWS DESK- यूजीसी- नेट पेपर लीक मामले की जांच के लिए सीबीआई ने धारा 120-बी और 420 के तहत, अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसकी जांच की जिम्मेदारी सीबीआई इंस्पेक्टर सुनिल कुमार को सौंपी गई है। दरअसल, 20 जून को उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति को जानकारी दी गई है कि 18 जून को आयोजित किए गए यूजीसी नेट एग्जाम में पेपर लीक के मामले की पुष्टि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र(आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई ने की थी। इसके बाद तुरंत बाद पेपर को रद्द कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर सीबीआई ने गुरुवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। जूनियर रिसर्च फेलो, असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी स्कॉलर्स के सेलेक्शन के लिए एनटीए की तरफ से यूजीसी-नेट 2024 की परीक्षा 18 जून को देश भर में दो शिफ्ट में कराई गई थी।
सूत्रों ने बताया कि परीक्षा के अगले दिन यूजीसी को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आईफोरसी) की साइबर क्राइम यूनिट से इनपुट मिला था कि ये पेपर डार्कनेट पर लीक हो गया था। इसके बाद इसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर पांच से छह लाख रुपये में बेचा गया था। अपराधियों तक पहुंचने के लिए सीबीआई अपनी साइबर टीम, डार्कनेट एक्सप्लोरेशन सॉफ्टवेयर और आईफोरसी की मदद से जांच करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली संस्था आईफोरसी से मिला इनपुट इस बात का संकेत देता है कि परीक्षा में गड़बड़ी की गई है। एफआईआर में फिलहाल अज्ञात आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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