ओडिशा : बीते दिनों में सामने आए ओडिशा के मामले ने तो लोगों झंझोर कर रख दिया है| वहां पर हुए रेल दुर्घटना की जांच के लिए मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अधिकारी दुर्घटना स्थान पर पहुंचे|सोमवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ है|
अधिकारी ने आरोप लगाया कि ये घटना टीएमसी की साजिश है| वे इस घटना के पीछे हैं| वे इतना क्यों घबरा रहे हैं जब यह घटना दूसरे राज्य की है| वे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच से क्यों डरते हैं..? भाजपा नेता ने दो रेलवे अधिकारियों के बीच बातचीत के एक कथित ऑडियो क्लिप का जिक्र किया, जिसे टीएमसी नेता कुणाल घोष ने रविवार को ट्विटर पर पोस्ट किया था|
सुवेंदु अधिकारी ने कहा, इन लोगों ने पुलिस की मदद से दोनों रेलवे अधिकारियों के फोन टैप किए| इन लोगों को रेलवे के दो अधिकारियों की बातचीत कैसे पता चली? बातचीत कैसे लीक हो गई|यह सीबीआई जांच में आना चाहिए|अगर यह नहीं आता है, तो मैं कोर्ट जाऊंगा|
इसके पहले 5 जून को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के रेलवे बोर्ड के फैसले की आलोचना की| सीएम बनर्जी ने कहा कि मैंने सीबीआई को ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस मामला भी दिया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला|12 साल हो गए, लेकिन हमें कोई नतीजा नहीं दिख रहा है|सीबीआई आपराधिक और दुर्घटना के मामलों को संभालती है|
बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए ममता बनर्जी शनिवार को बालासोर में दुर्घटना स्थल पर पहुंचीं|उन्होंने इस घटना को 21 साल के बाद की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना करार दिया और कहा कि ऐसे मामलों को रेलवे के सुरक्षा आयोग को सौंप दिया जाता है और वे जांच करते हैं और एक रिपोर्ट देते हैं| जहां तक मुझे पता है ट्रेन में टक्कर रोधी उपकरण नहीं था, अगर ट्रेन में उपकरण होता तो ऐसा नहीं होता|
आपको बता दें कि टक्कर रोधी उपकरण रेल मंत्रालय की तरफ से विकसित बचाव प्रणाली है| बालासोर ट्रेन हादसे में ममता बनर्जी की तरफ से ‘कवच’ प्रणाली के ना होने पर सवाल उठाने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 4 जून को कहा था कि दुर्घटना का टक्कर-रोधी प्रणाली से कोई लेना-देना नहीं है|
वैष्णव ने आगे कहा कि हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से हुआ|इसका कवच से कोई लेना-देना नहीं है| इसका कारण वह नहीं है जो ममता बनर्जी ने कहा था|यह घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुई| ये किसने किया और कैसे हुआ, यह उचित जांच के बाद पता चलेगा|