कलकत्ता हाईकोर्ट के OBC दर्जा हटाने के फैसले पर 27 अगस्त को होगी सुनवाई, बंगाल सरकार ने की अपील

KNEWS DESK – पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के दर्जे से कई जातियों को हटाने के फैसले पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत से इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है, जो राज्य के कई समुदायों के लिए महत्वपूर्ण आरक्षण अधिकारों को प्रभावित कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मुद्दे पर 27 अगस्त को सुनवाई करेगी।

कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया था, जिसमें उसने अल्पसंख्यकों समेत कई जातियों को OBC की श्रेणी से हटा दिया था। इससे पहले, पश्चिम बंगाल में इन जातियों को सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल रहा था। इस आदेश के बाद इन जातियों के लिए आरक्षण की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

केंद्र सरकार के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका, सुप्रीम कोर्ट में होगी  सुनवाई - Lalluram

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की मांग

पश्चिम बंगाल सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, जो पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए, ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पादरीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से अनुरोध किया कि कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाए।

सिब्बल ने बताया कि इस फैसले का असर उन अभ्यर्थियों पर पड़ रहा है जिन्होंने हाल ही में NEET-UG 2024 परीक्षा पास की है। उन्होंने अदालत से कहा, “हम चाहते हैं कि कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर तत्काल रोक लगाई जाए, क्योंकि यह छात्रवृत्ति और प्रवेश प्रक्रियाओं को प्रभावित कर रहा है।”

अदालत का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर विचार करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई 27 अगस्त को होगी। इस दिन अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित सुनवाई की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्य सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच से कहा कि हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की जरूरत है, क्योंकि इससे नीट-यूजी, 2024 पास करने वाले उम्मीदवारों के दाखिले पर असर पड़ रहा है।

राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पैनल का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने कहा कि स्टूडेंट मेडिकल कॉलेजों और दूसरे संस्थानों में एडमिशन पाने के लिए अपने ओबीसी दर्जे के प्रमाणीकरण के लिए लाइन में खड़े हैं।

 

About Post Author