आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा, ‘अब नहीं सहेंगे बदल के रहेंगे’ के नए नारे साथ AAP को देगी टक्कर

KNEWS DESK – दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपना नया नारा और चुनावी रणनीति पेश की है। बीजेपी ने इस बार अपने चुनावी प्रचार के लिए नया नारा ‘नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’ दिया है। यह नारा दिल्ली में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) की 10 साल पुरानी सरकार को चुनौती देने के लिए तैयार किया गया है। बीजेपी प्रदूषण, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधने का काम कर रही है।

 चुनाव की तारीखें नजदीक, चुनावी रणनीतियाँ तेज़

आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए चुनाव जनवरी-फरवरी 2025 के बीच हो सकते हैं, और अब सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गई हैं। बीजेपी ने इस बार आम आदमी पार्टी के 10 साल पुरानी सत्ता को चुनौती देने के लिए मुद्दों को तूल दिया है, जिनमें प्रदूषण, भ्रष्टाचार और आयुष्मान योजना शामिल हैं। बीजेपी के नेता पार्टी के चुनावी अभियान में इस बात का जोर दे रहे हैं कि दिल्ली की जनता इस बार बदलाव चाहती है और वे इस बार ‘नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’ के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।

Delhi Assembly Elections 2025: 'आप' के खिलाफ भाजपा ने बनाई रणनीति, गढ़ा  नारा 'अब नहीं सहेंगे बदल के रहेंगे' | 🇮🇳 LatestLY हिन्दी

बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा’

बीजेपी की ओर से 8 दिसंबर से ‘परिवर्तन यात्रा’ भी निकाली जाएगी, जो दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ जन जागरूकता फैलाने का एक अहम हिस्सा होगी। बीजेपी का मानना है कि इस यात्रा के जरिए वे दिल्ली की जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल होंगे और उन्हें यह विश्वास दिलाने में कामयाब होंगे कि अब बदलाव का समय आ गया है।

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नारे के पोस्टर जारी

बीजेपी ने चुनावी प्रचार के लिए नए नारे के पोस्टर भी जारी किए हैं, जिनमें बड़े-बड़े अक्षरों में ‘नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’ लिखा हुआ है। ये पोस्टर दिल्ली की सड़कों और प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं, ताकि जनता तक बीजेपी का संदेश पहुँच सके। इस बार बीजेपी का लक्ष्य स्पष्ट है – आम आदमी पार्टी को हराकर दिल्ली में सत्ता पर कब्जा करना।

आम आदमी पार्टी का रुख और कांग्रेस

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 2013 से मुख्यमंत्री पद पर अपनी पकड़ बनाई हुई है और इस बार भी पार्टी पूरी 70 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब तक इस पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। दिल्ली चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है, जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल सकती है।

बीजेपी का संदेश – बदलाव की जरूरत है

बीजेपी अपने नारे ‘नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’ के जरिए यह संदेश देना चाहती है कि दिल्ली की जनता अब आम आदमी पार्टी की सरकार से थक चुकी है और वह बदलाव चाहती है। बीजेपी के नेता इसे अपनी ताकत के रूप में देख रहे हैं और इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने का दावा कर रहे हैं।

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