KNEWS DESK – छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में ऐतिहासिक सफलता मिली। अबूझमाड़ के माड़ डिवीजन में हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने सीपीआई (माओवादी) के महासचिव और एक करोड़ के इनामी बसव राजू सहित 27 नक्सलियों को मार गिराया। हालांकि इस कार्रवाई में एक जवान शहीद हुआ है, जबकि एक घायल है, जिसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
कौन था बसव राजू?
बसव राजू, जिसे कई नामों से जाना जाता था — जैसे कि नंबल्ला केशव राव, कृष्णा, गंगन्ना, प्रकाश, बीआर, और दारापु नरसिम्हा रेड्डी — आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले का निवासी था। वह लंबे समय से माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी का सदस्य और 2018 से महासचिव था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भी उसकी तलाश थी, क्योंकि 2012 और 2019 के दो मामलों में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज थीं। 2019 के एक हमले में उस पर 5 सुरक्षाकर्मियों की मौत के लिए जिम्मेदार होने का आरोप था।
नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि अबूझमाड़ के जंगलों में नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिलने पर डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) के नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव जिलों से संयुक्त टीम रवाना की गई। मुठभेड़ सुबह शुरू हुई और कई घंटों तक चली। सुरक्षाबलों ने पूरी रणनीति और सतर्कता के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी जानकारी
छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने मुठभेड़ के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “जवानों ने करिश्मा कर दिखाया है। अब तक 26 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। ऑपरेशन अभी अंतिम चरण में है और इलाके की सघन तलाशी ली जा रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “नक्सलियों से फिर अपील है कि वे मुख्यधारा में लौटें। केंद्र और राज्य सरकार की मंशा है कि एक भी गोली चले बिना यह समस्या सुलझे। लेकिन अगर देश और नागरिकों की सुरक्षा का सवाल है, तो सुरक्षाबल पीछे नहीं हटेंगे।”
हालिया ऑपरेशन में माओवादी संगठन को गहरा नुकसान
इससे पहले बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टालू इलाके में 21 दिनों तक चले एक अभियान में 31 नक्सलियों को मारा गया था। 150 से ज्यादा बंकर ध्वस्त किए गए, देसी हथियार बनाने वाली एक फैक्ट्री भी तबाह की गई, और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी।
2026 तक नक्सल मुक्त भारत का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है। इसी दिशा में यह लगातार कार्रवाई की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बसव राजू की मौत नक्सल आंदोलन के लिए बड़ा झटका है और इससे संगठन की कमर टूट सकती है।