KNEWS DESK – गुरुवार को लोकसभा में हुए विवादास्पद धक्का-मुक्की कांड के बाद स्पीकर ओम बिरला ने एक कड़ा कदम उठाते हुए संसद भवन के द्वार पर विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है। इस आदेश के तहत किसी भी राजनीतिक दल या सांसदों का समूह संसद भवन के किसी भी द्वार पर प्रदर्शन नहीं कर सकेगा। यह निर्णय सांसदों के घायल होने के बाद लिया गया है और इसका उद्देश्य संसद के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए माहौल को शांतिपूर्ण बनाना है।
धक्का-मुक्की कांड के बाद स्पीकर का फैसला
लोकसभा सत्र के दौरान विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया, जिसमें आंबेडकर मुद्दा भी प्रमुख था। इसी दौरान मकर द्वार के पास हुए एक विरोध प्रदर्शन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीव्र संघर्ष हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए। इस घटना के बाद स्पीकर ओम बिरला ने सख्त निर्देश जारी करते हुए संसद परिसर में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित कर दिया।
राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज
कांग्रेस पार्टी लंबे समय से मकर द्वार के पास विरोध प्रदर्शन कर रही थी। गुरुवार को भी जब विरोध प्रदर्शन जारी था, तो अचानक ही इस प्रदर्शन में झड़प हो गई। बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस झड़प के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कारण दोनों सांसद घायल हुए। इस पर बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराते हुए उन पर ‘शारीरिक हमला और उकसाने’ का आरोप लगाया। शिकायत के बाद राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस ने 6 धाराओं में मामला दर्ज किया है।
घायल बीजेपी सांसदों का इलाज जारी
इस घटना में घायल हुए बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी सीटी स्कैन और एमआरआई रिपोर्ट सामान्य आई है। हालांकि, दोनों सांसद अभी आईसीयू में हैं और डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है।
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
इस घटना के बाद लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से संसद की गरिमा और कामकाजी माहौल प्रभावित हो रहा है, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया है। अब से संसद भवन के किसी भी द्वार पर किसी भी राजनीतिक दल या सांसद द्वारा विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं होगी।
कांग्रेस का विरोध जारी, लेकिन संसद के द्वार पर प्रतिबंध
कांग्रेस पार्टी, जो पहले मकर द्वार के पास विभिन्न तरीकों से विरोध कर रही थी, अब इस प्रतिबंध के बावजूद अपने विरोध को जारी रखने की योजना बना सकती है। हालांकि, संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन को लेकर स्पीकर के आदेश के बाद कांग्रेस को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है।