अयोध्या, राम मंदिर का जलाभिषेक 115 देशों, 7 महाद्वीपों की नदियों और सुमद्र के जल से किया जाएगा. इसकी जानकारी दिल्ली स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक विजय जौली के द्वारा मीडिया से बात करते दी गई है. उन्होंने कारसेवकपुरम में रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ बातचीत में बताया कि प्रत्येक देश के जल को तांबे के लोटों में भरकर पैक और सील किया गया है.
मीडिया से बात करते हुए बताया कि लोटों पर देश के नाम और झंडे का स्टिकर भी लगाया गया है. इसी के साथ उसे भगवा रिबन से सजाया गया. गोष्ठी के माध्यम से श्री राम और राम मंदिर की वैश्विकता को 23 अप्रैल को राम मंदिर के अभिषेक से पूर्व मणिरामदास जी की छावनी के सभागार में परिभाषित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी हिस्सा लेंगे. इसी के साथ तमाम अन्य गणमान्य लोग भी इस कार्यक्रम के दौरान वहां पर मौजूद रहेंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार जलाभिषेक के लिए टिनीटॉड, मॉरीशस, फिजी, थाईलैंड,यूक्रेन, रसिया और पाकिस्तान भी जल लाया गया है.
राममंदिर अभिषेक समारोह के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रण भेजा गया है. वहीं इस दौरान योग गुरू बाबा रामदेव, विहिप शीर्ष नेता दिनेशचंद्र, जैन आचार्य लोकेश मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी, सांसद मनोज तिवारी, सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा समेत अन्य लोग मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम में 20 से भी अधिक देशों के प्रवासी भारतीय नेताओं के साथ ही अनेक देशों के राजनयिक भी प्रमुख रूप से मौजद रहेंगे. बता दें कि इस कार्यक्रम को लेकर तैयारी की जा रही है और उसमें कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही. डॉ जॉली ने बताया कि स्व. अशोक सिंघल और पीएम मोदी की प्रेरणा लेकर उन्होंने 2020 अगस्त में इस बात का प्रण लिया था कि विश्वभर की नदियों और समुद्रों से जल एकत्र कर प्रभु राम के मंदिर का जलाभिषेक करेंगे.