KNEWS DESK- उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को एक बड़ी घटना घटी, जब भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ। इस दौरान 16 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिन्हें बचाकर निकाला गया है। हालांकि, तीन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, जिन्हें इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सेना की मदद से सेना अस्पताल भेजा जा रहा है। राहत और बचाव कार्य जारी है, और यह संभावना जताई जा रही है कि कई और मजदूर बर्फ में दबे हो सकते हैं।
हिमस्खलन के कारण पूरे क्षेत्र में मौसम बेहद खराब हो गया है, जिससे संचार सेवा भी ठप पड़ी है। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि माणा और माणा पास के बीच हिमस्खलन हुआ है, जिसमें मजदूरों के दबने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि मदद के लिए एयर फोर्स से संपर्क किया जा रहा है और सेना तथा ITBP के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं।
एनडीआरएफ की एक टीम भी इस बचाव कार्य में लगाई गई थी, लेकिन बर्फबारी के कारण बदरीनाथ हाईवे के हनुमान चट्टी से आगे मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे एनडीआरएफ की टीम माणा कैंप तक नहीं पहुंच पाई। इस दौरान, भारी बर्फबारी के कारण अन्य स्थानीय रेस्क्यू ऑपरेशन भी प्रभावित हो रहे हैं।
हिमस्खलन के बाद से सेना, ITBP और एनडीआरएफ के बचाव दल स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं। क्षेत्र में मौसम का मिजाज बहुत खराब होने के कारण रेस्क्यू कार्य में चुनौतियां बढ़ गई हैं, लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
यह घटना उत्तराखंड के उच्चतम क्षेत्रों में अचानक आए हिमस्खलन का उदाहरण है, जिससे मजदूरों की जान को खतरा हुआ। राहत और बचाव कार्यों में तेजी से काम किया जा रहा है, और उम्मीद जताई जा रही है कि सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाला जाएगा। इस कठिन क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों की मेहनत और समर्पण की वजह से आपातकालीन स्थितियों में भी मदद मिल रही है।
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