सिरसा का आरोप: कोर्ट ने केजरीवाल को मजबूर किया
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सीएम केजरीवाल ने इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय मांगा है, ताकि वह विधायकों को अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को अगला मुख्यमंत्री बनाने के लिए मनाए। सिरसा ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मजबूर किया है और कहा है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। सिरसा ने कहा, “केजरीवाल भ्रष्टाचार में इतनी बुरी तरह लिप्त हैं कि कोर्ट को उन्हें यह आदेश देना पड़ा।”
जनता का फरमान सिरसा की नजर में
सिरसा ने आगे कहा, “अब केजरीवाल जनता के फरमान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन जनता ने तो तीन महीने पहले ही अपना निर्णय दे दिया था। जब केजरीवाल ने जेल या बेल का सवाल उठाया, तो जनता ने जेल का विकल्प चुना। अब केजरीवाल जनता के फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं।”
केजरीवाल का जवाब: ईमानदारी और जनादेश पर जोर
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा हुए केजरीवाल ने आज आप कार्यकर्ताओं से कहा कि वह दो दिनों में इस्तीफा देंगे और केवल जनता के जनादेश के बाद ही मुख्यमंत्री पद संभालेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि नई सरकार का गठन आम आदमी पार्टी (AAP) के भीतर ही किया जाएगा। केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी की साजिशों का सामना करेगी और सच्चाई और ईमानदारी से दिल्ली की सेवा करती रहेगी।
AAP की राजनीति में क्रांति का दावा
केजरीवाल ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी ने देश की राजनीति को एक नई दिशा दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें भ्रष्टाचार के लिए नहीं, बल्कि पार्टी और सरकार को तोड़ने के लिए जेल भेजा गया था। केजरीवाल ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे उन्हें ईमानदार मानते हैं तो उन्हें वोट दें और उनके वापस लौटने के लिए समर्थन करें।
नई सरकार का गठन और भविष्य की राह
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली की राजनीति में कौन नया मुख्यमंत्री बनता है और आम आदमी पार्टी किस दिशा में आगे बढ़ती है। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद संभावित विकल्पों और नई सरकार की संरचना पर राजनीतिक विशेषज्ञों और जनता की नजरें टिकी हुई हैं।
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