छत्तीसगढ़ में सौंदर्यीकरण के बाद सरोवरों की लौटी चमक

KNEWS DESK…. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले की कुम्हारी में बड़े तरिया का लोकार्पण किया। 16 एकड़ में बने इस उद्यान में दो तालाबों को एक साथ जोड़ा गया है और यहां पर खूबसूरत लाइट एंड साउंड शो होता है। इसे इतने खूबसूरत तरीके से बनाया गया है कि एक महीने के अंदर ही यहां इतनी भीड़ आने लगी है कि प्रवेश के लिए लंबी लाइन लगती है। जिला प्रशासन के अधिकारी बताते हैं कि छुट्टी के दिन यहां शाम को दस हजार लोग आ रहे हैं इतना ज्यादा भीड़ अप्रत्याशित थी। बच्चों की टाय ट्रेन, लाइट एंड साउंड शो की वजह से और बेहद खूबसूरत आर्च वाले पुल की वजह से, शानदार लैंडस्केप के चलते यह उद्यान लोगों को भा गया है।

दरअसल आपको बता दें कि सरोवरों के संरक्षण की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल के चलते जनसहयोग भी इस हेतु उमड़ रहा है। तालाबों की नगरी कहे जाने वाले धमधा की पहचान छह कोरी, छह आगर तालाबों को लेकर थी। इसमें से बहुत से तालाब अतिक्रमण का शिकार होते गये। सरोवरों के संरक्षण के मुख्यमंत्री के निर्देश के पश्चात धमधा में भी सरोवरों से अतिक्रमण हटाना शुरू हुआ। इससे जनसमुदाय भी काफी खुश हुआ। छत्तीसगढ़ में और देश भर में यह परंपरा रही है कि सरोवरों की सफल स्थापना अथवा जीर्णाेद्धार के पश्चात यहां काष्ठ स्तंभ लगाया जाता है। ऐसे ही किरारी में एक सरोवर से मिले एक काष्ठ स्तंभ लेख से छत्तीसगढ़ में सातवाहन वंश की प्रशासनिक व्यवस्था की पुष्टि हुई थी। धमधा में लोगों ने इसी तरह से छह तालाबों में काष्ठ स्तंभ स्थापित किये और इस घटना का वृतांत भी लिखाया। सरोवरों के किनारे उद्यान और फूड जोन भी- सरोवरों के सौंदर्यीकरण के साथ ही इनके आसपास उद्यान बनाये गये हैं और जहां पर अतिरिक्त जगह है वहां पर फूड जोन भी बनाये गये हैं। उदाहरण के लिए मिलेट मिशन को बढ़ावा देने के लिए मिलेट से बने उत्पाद इन फूड जोन में रखे जा रहे हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जब मुख्यमंत्री पाटन में राजीव गांधी सरोवर के लोकार्पण के लिए पहुंचे तो यहां छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के लिए भी जगह निर्धारित की गई है और इसका संचालन भी स्वसहायता समूहों के लोगों द्वारा किया जा रहा है।

170 तालाबों में व्यापक किया गया कार्य

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में बीते दिनों रायगढ़ गये थे। वहां उन्होंने केलो संवर्धन और जल संरक्षण के लिए नागरिकों से अपील की। इसका व्यापक असर हुआ है और जनभागीदारी से तालाब संवर्धन का बड़ा काम हो रहा है। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन अमृत सरोवरों के किनारे भी हुए। तालाबों के कायाकल्प के लिए महती कार्य हो रहा है। उदाहरण के लिए रायगढ़ जिले को लें। यहां 170 तालाबों में व्यापक कार्य किया गया है। एक तालाब में बारिश का एक करोड़ लीटर पानी स्टोर होगा, इससे बारिश की अमृत बूंदों को सहेजने की संभावना कितनी बढ़ जाएगी।

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