दिल्ली, विपक्ष नेताओं पर लगातार जांच एजेंसियों की हो रही कर्रवाई को लेकर 9 विपक्षी नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. पत्र में विपक्षी नेताओं ने लिखा CBI और ED का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है. विपक्ष ने कहा है कि इन कार्रवाईयों से जांच एजेंसी की साख खराब हो रही है.
विपक्ष के 9 नेतओं ने पत्र लिखकर CBI और ED पर दुरूप्रयोग का आरोप लगाया है. पत्र में विपक्ष ने CBI और ED की बात कहते हुए बीजेपी की निंदा की है.
चिट्ठी में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा पर भी निशाना साधा गया है. पत्र में लिखा गया है कि विपक्ष के जो नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं, उनके खिलाफ जांच धीमी गति से होती है.
पत्र में यह राज्यपाल कार्यालय पर चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों के काम में दखल देने का आरोप भी लगाया गया है. कहा गया है कि राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच बढ़ती दरार का कारण बन रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि केंद्रीय एजेंसियों की छवि खराब हो रही है. साथ ही उन्होंने इस पर चिंता भी जाहिर की है.
पत्र में आगे कहा गया है कि 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें गिरफ्तार करते समय उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं दिखाए गए. 2014 के बाद से जिन नेताओं पर भी एक्शन हुआ है, उनमें से ज्यादातर विपक्ष के ही हैं.
इन 9 नेताओं ने लिखा पत्र
- बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी
- दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल
- पंजाब के मुख्यमंत्री और AAP नेता भगवंत मान
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री और BRS प्रमुख के चंद्रशेखर राव
- UP के पूर्व सीएम और सपा चीफ अखिलेश यादव
- बिहार के डिप्टी सीएम और RJD नेता तेजस्वी यादव
- एनसीपी चीफ शरद पवार
- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला
बता दें कि हाल ही में शराब घोटाले से जुड़े मामले में AAP नेता मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें पूछताछ के लिए 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया. रिमांड खत्म होने पर उन्हें एक बार फिर कोर्ट में पेश किया गया. उन्हें दोबारा 2 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है.