KNEWS DESK- कोलकाता में हाल ही में घटित डॉक्टर रेप और मर्डर केस ने पूरे देश के डॉक्टरों को गहरे आहत और गुस्से में डाल दिया है। इस घटना की निंदा करते हुए, देशभर के डॉक्टर लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने 17 अगस्त 2024 से 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
IMA ने स्पष्ट किया है कि इस 24 घंटे की हड़ताल के दौरान, सभी आवश्यक सेवाएं जैसे कि आपातकालीन देखभाल और घायलों की चिकित्सा सुविधा यथावत जारी रहेगी। हालांकि, डॉक्टर नियमित ओपीडी और वैकल्पिक सर्जरी नहीं करेंगे। इस हड़ताल के माध्यम से, IMA ने केंद्र और राज्य सरकार से अपनी प्रमुख मांगें रखी हैं।
IMA की पांच प्रमुख मांगें-
रेजिडेंट डॉक्टरों की कार्य स्थिति में सुधार
IMA ने रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट को कम करने और आराम के लिए सुरक्षित स्थानों की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। वर्तमान में, लंबे कामकाजी घंटों और अपर्याप्त सुविधाओं के कारण डॉक्टरों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
केंद्रीय अधिनियम की मांग
IMA ने 2023 में महामारी रोग अधिनियम 1897 में किए गए संशोधनों को 2019 के प्रस्तावित अस्पताल संरक्षण विधेयक में शामिल करने की मांग की है। इसके तहत, सभी 25 राज्यों में मौजूदा कानून को सशक्त बनाया जाएगा। IMA ने सरकार से कोरोना के दौरान लागू किए गए अध्यादेश जैसा ही नया अध्यादेश लाने का सुझाव दिया है।
निष्पक्ष जांच और न्याय
IMA ने इस गंभीर मामले में एक तय समय-सीमा में निष्पक्ष और प्रभावशाली जांच की मांग की है। इसके साथ ही, पीड़ित परिवार को पूरा न्याय प्रदान करने की भी अपील की गई है।
अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल
IMA ने सभी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने की मांग की है। अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को एयरपोर्ट की तरह प्रभावशाली बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें सीसीटीवी कैमरे लगाने, सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और सुरक्षा नियमों के पालन को सुनिश्चित करना शामिल है।
IMA ने पीड़ित परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा प्रदान करने की भी मांग की है। यह कदम परिवार की पीड़ा को कम करने और न्याय दिलाने के प्रति एक महत्वपूर्ण पहल है। इस हड़ताल के दौरान डॉक्टरों का संदेश साफ है: वे चिकित्सकों की सुरक्षा, सम्मान और न्याय की मांग कर रहे हैं। यह विरोध-प्रदर्शन केवल एक घटना के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा और कार्य परिस्थितियों में सुधार के लिए है।
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