KNEWS DESK- आम आदमी पार्टी ने बीते बुधवार को कहा है कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है तो उसके साथ गठबंधन करने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस नेता अलका लांबा की उस टिप्पणी के बाद आप का यह बयान आया है कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें 2024 के चुनाव के लिए सभी 7 सीटों पर तैयारी करने का दिशा-निर्देश दिया है।
आपको बता दें कि आप एंव कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन का हिस्सा हैं। आम आदमी पार्टी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा है कि अलका लांबा के बयान के बाद उनका शीर्ष नेतृत्व इंडिया की मुंबई बैठक में शामिल होने पर विचार करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए दिल्ली कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की और संगठन को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की है।बैठक के बाद अलका लांबा ने कहा कि उन्हें 2024 चुनाव से पहले सभी 7 सीटों पर काम करने का निर्देश दिया गया है। अलका लांबा ने कहा है कि गठबंधन करना है या नहीं, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन हमने सभी 7 सीटों पर तैयार रहने को कहा गया है। उनके बयान के बाद प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली में अकेली रहना चाहती है तो इंडिया गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।
बैठक में शामिल होने का कोई नहीं मतलब
जानकारी के लिए बता दें कि आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने आगे बात करते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस ने मन बना लिया है कि वह दिल्ली में हमारा समर्थन नहीं करेंगे तो वे इंडिया की बैठक में शामिल होंगे और उनका समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है। हमारा शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होगा या नहीं प्रियंका कक्का ने टीपी-वीडियो में कहा कि कांग्रेस ने ही दिल्ली में गठबंधन बनाने के लिए आप से संपर्क किया था। क्योंकि उनका दिल्ली में कोई अस्तित्व नहीं है।
जनता के हित को ध्यान में रखते हुए लेंगे निर्णय
बता दें कि वही आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने भी कहा है कि आप नेता विनीत मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करने की जरूरत है। ‘इंडिया’ गठबंधन का कोई मतलब नहीं रहेगा। CM अरविंद केजरीवाल देश और दिल्ली की जनता के हित को ध्यान रखते हुए कोई निर्णय लेंगे। आप नेता सोमनाथ भारती ने भी कहा है कि हर किसी को यह एहसास होना चाहिए कि हमें अपनी महत्वाकांक्षाओं को एक तरफ रखकर देश और संविधान के बारे में सोचना चाहिए।