केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह 25 अक्टूबर को महामारी निधि परियोजना और 21वीं पशुधन गणना अभियान का करेंगे शुभारंभ, पशु-स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मिलेगा बढ़ावा

KNEWS DESK –  केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह 25 अक्टूबर को महामारी निधि परियोजना और 21वीं पशुधन गणना अभियान का शुभारंभ करेंगे। देश में पशु-स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से इन महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की जा रही हैं।

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश में पशु-स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से शुक्रवार को दो महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ होगा । ये दो पहल हैं – “महामारी का सामना करने के लिए भारत में पशु-स्वास्थ्य सुरक्षा सुदृढ़ीकरण” पर महामारी निधि परियोजना और 21वीं पशुधन गणना अभियान।

21वीं पशुधन जनगणना

21वीं पशुधन जनगणना में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 30 करोड़ परिवार/घरेलू उद्यम/गैर-घरेलू उद्यम/संस्थाएँ शामिल होंगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हर घर/घरेलू उद्यम/गैर-घरेलू उद्यम/संस्था तक पहुँचना होगा। 6.6 लाख गाँवों से डेटा एकत्र किया जाएगा। कवर किए जा रहे क्षेत्रों का विवरण इस प्रकार है|
* स्वतंत्र घर
* फ्लैट
* घरेलू उद्यम
* गैर-घरेलू उद्यम
* गौशाला
* संस्थान/रक्षा प्रतिष्ठान/पशु चिकित्सा महाविद्यालय
* डेयरी फार्म/पोल्ट्री फार्म/अन्य पशुधन फार्म।

 

भारतीय अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था में पशुधन क्षेत्र का योगदान

पशुधन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जो निम्नलिखित प्रदान करता है:

* रोजगार: लाखों नौकरियाँ, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में।
* खाद्य सुरक्षा: प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का आवश्यक स्रोत।
* आय: किसानों और चरवाहों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत।
* उर्वरक: कृषि उत्पादन के लिए जैविक खाद।
* परिवहन: ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन के लिए पशु।

विश्व स्तर पर, पशुधन क्षेत्र खाद्य उत्पादन, व्यापार और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 21वीं पशुधन गणना से पशुधन का परफेक्ट डाटा एवं विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सकेगी ।इस क्षेत्र में विकास के लिए प्रभावी नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन तभी सुनिश्चित हो सकता है जब हमारे पास पशुधन से संबंधित सही आंकड़े उपलब्ध हो।

कार्यक्रम में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में G20 शेरपा अमिताभ कांत, नीति आयोग के सदस्‍य (स्वास्थ्य) प्रो. डॉ. वीके पॉल, पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।

मंत्रालय ने बताया इस कार्यक्रम के दौरान भारत में पशु स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जारी किए जाएंगे। पशुपालन और डेयरी विभाग सभी हितधारकों को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है जिससे महामारी की तैयारी और पशु-स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में जारी प्रयासों में योगदान दिया जा सके।

21वीं पशुधन जनगणना के लिए मानव संसाधन का उपयोग किया जाएगा- जनगणना गतिविधि के संचालन के लिए लगभग 1.2 लाख मानव संसाधन का उपयोग किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
* गणनाकार: सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में डेटा संग्रह के लिए प्रत्येक एचएच/एचएचई/एनएचएचई/संस्थान का दौरा करने के लिए विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 85,000 गणनाकार तैनात किए जाएंगे।
* पर्यवेक्षक: गणनाकारों के काम की निगरानी और डेटा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 15,000 पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा।
* जिला नोडल अधिकारी: 765 जिला नोडल अधिकारी अपने जिलों में जनगणना से संबंधित सभी गतिविधियों के समग्र प्रमुख होंगे।
* राज्य नोडल अधिकारी: राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय करने और राज्य स्तर पर जनगणना कार्यों की देखरेख करने के लिए सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा 36 राज्य नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं

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