KNEWS DESK- बुधवार को दोपहर 12 बजे संसद में पेश हुए वक्फ संशोधन बिल पर रात 8 बजे तक लंबी बहस चली। वक्फ संशोधन बिल पर सत्तापक्ष ने समर्थन दिया तो वहीं विपक्ष ने बिल पेश करते समय जोरदार हंगामा करके बिल का विरोध किया। सत्तापक्ष और विपक्ष की बयानबाजी ने इस बिल की पेशगाई को मजेदार बनाया। इस बिल के पेश होने के समय सत्तापक्ष और विपक्ष के बड़े चेहरों ने अपना वक्तव्य देकर अपना समर्थन और अपना विरोध दर्ज कराया।
किरेन रिजिजू (अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री)
बुधवार को वक्फ संशोधन बिल अल्पसंख्यक मामले के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। इस बिल को पेश करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि यदि यह संशोधन नहीं लाया जाता, तो संसद भवन जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियों पर भी वक्फ बोर्ड दावा कर सकता था। उन्होंने बताया कि 1970 से वक्फ बोर्ड संसद भवन सहित कई स्थानों पर दावा कर रहा था, और 2013 में इन स्थानों को डिनोटिफाई करने के कारण वक्फ बोर्ड की दावेदारी मजबूत हो गई थी। रिजिजू ने अपने भाषण में आगे कहा कि वक्फ बोर्ड के पास देश में रेलवे और सेना के बाद तीसरी सबसे बड़ी संपत्ति है, जिसमें लगभग 8.7 लाख संपत्तियाँ और 9 लाख 40 हजार एकड़ जमीन शामिल है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी संपत्ति होने के बावजूद देश के मुस्लिम समुदाय के गरीबों के लिए इसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा है।

अखिलेश यादव (सपा प्रमुख)
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस विधेयक के माध्यम से अपनी नाकामियों को छिपाने और समाज में ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के भीतर यह प्रतिस्पर्धा चल रही है कि सबसे खराब हिंदू कौन है। अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा नोटबंदी, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की आय दोगुनी करने के वादे, गंगा-यमुना की सफाई, और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जैसे मुद्दों पर सरकार की विफलताओं को उजागर किया। अखिलेश यादव ने कहा कि इन सभी मोर्चों पर सरकार विफल रही है और इन नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए वक्फ बिल लाया गया है।

अखिलेश यादव ने अपने भाषण के दौरान महाकुंभ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों की तैयारी का दावा किया था, लेकिन इसके बावजूद वहां 30 लोगों की मौत हो गई और 1000 से अधिक लोग लापता हो गए। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार इन लापता लोगों की सूची क्यों नहीं जारी कर रही है। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर कारोबार कर रही है और वक्फ की जमीनों पर उसकी नजर है। उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीन से बड़ा मुद्दा देश की वह जमीन है जिस पर चीन ने गांव बसा लिए हैं।
अनुराग ठाकुर ( सूचना एवं प्रसारण मंत्री)
अनुराग ठाकुर ने विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा कि अ वक्फ बोर्ड अत्याचार और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है, और भारत को वक्फ के खौफ से आजादी चाहिए। अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष अपने सहयोगी दलों के साथ वोट बैंक की राजनीति के लिए संविधान का सौदा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड को अपारदर्शी और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से राजनीतिक संरक्षण दिया, जिससे यह एक समानांतर सत्ता के रूप में उभरा। चर्चा के दौरान अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लिया, जिससे सदन में हंगामा मच गया। कांग्रेस सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई, जिसके बाद अनुराग ठाकुर ने खरगे का नाम वापस ले लिया।

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए लाया गया है। अनुराग ठाकुर ने जोर देकर कहा कि भारत में केवल बाबा साहब भीम राव अंबेडकर का संविधान चलेगा, न कि कोई मुगलिया फरमान।
अमित शाह (गृह मंत्री)
वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा करने के दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल पैदा कर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वक्फ बिल को स्पष्ट करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है, और सरकार का ऐसा कोई इरादा भी नहीं है। उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यक्ति केवल अपनी संपत्ति का ही दान कर सकता है, न कि सरकारी या किसी और की संपत्ति का।

2013 के संशोधनों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि 2013 में किए गए संशोधनों के बाद, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में 21 लाख एकड़ भूमि जुड़ गई, जो पहले 18 लाख एकड़ थी। शाह ने कहा कि सरकार इस विधेयक के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना चाहती है, जिससे इनका सही उपयोग हो सके। अमित शाह ने हंगामा कर रहे विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि संसद द्वारा पारित कानून सभी को स्वीकार करना होगा, और किसी को भी इसे मानने से इंकार करने का अधिकार नहीं है।
ए राजा (डीएमके सांसद)
डीएमके सांसद ए राजा ने पेश किये जा रहे बिल का कड़ा विरोध किया। ए राजा ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के बयान को चुनौती देते हुए कहा कि यदि मंत्री का भाषण संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट से मेल खाता है, तो वे सांसद पद से इस्तीफा दे देंगे। राजा ने इस विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए आरोप लगाया कि यह देश की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस पार्टी का लोकसभा में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है, वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का दावा कर रही है।

इमरान मसूद (कांग्रेस सांसद)
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी संसद में पेश हो रहे वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया। विरोध जताते हुए इमरान मसूद बोले कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है और संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। मसूद ने कहा कि मुसलमान वक्फ की अवधारणा को भली-भांति समझते हैं और इस पर गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति अनुचित है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिमों को शामिल किया जा सकता है, तो उन्हें भी राम मंदिर ट्रस्ट में स्थान दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे स्वयं को भगवान राम का वंशज मानते हैं।

इमरान मसूद ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है और यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ सबसे बड़ा अन्याय है। मसूद ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मुसलमानों को शिक्षा और रोजगार जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएं, न कि ऐसे कानून जो उनके अधिकारों का हनन करते हैं।
अरविंद सावंत (सांसद शिवसेना UBT)
अरविंद सावंत ने भाजपा पर तीखा प्रहार बोलते हुए बिल का विरोध किया। अरविंद सावंत ने कहा कि भाजपा को शिवसेना को हिंदुत्व का पाठ पढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। सावंत ने आरोप लगाया कि भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है और देश को विभाजित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को यह अधिकार नहीं है कि वह दूसरों को हिंदुत्व सिखाए।

ललन सिंह (सांसद JDU)
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक कहीं से भी मुसलमान विरोधी नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे गलत नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ललन सिंह ने स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह विधेयक आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी धर्मों के प्रति समानता और न्याय सुनिश्चित करना है।
