नई दिल्ली: देश में महंगाई से हर कोई परेशान है, जिसमे आम आदमी पार्टी की जेब पर सबसे ज़्यादा नुक्सान पेट्रोल-और डीज़ल के बढ़ते दामों ने किया है, बैरहाल अभी चुनावों के चलते पेट्रोल-डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है, लेकिन इसके बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में बड़ा उछाला देखकने को मिलने वाला है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि, उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के खत्म होने के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी तेजी आ सकती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 93 डॉलर पहुंच गई है, लेकिन देश में दिवाली के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. तब कच्चे तेल की कीमत करीब 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी. इसके बाद से इसमें करीब 13 डॉलर प्रति डॉलर की बढ़ोतरी हो चुकी है, लेकिन देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत स्थिर बनी हुई है. इस कारण सरकारी तेल कंपनियों को प्रति लीटर आठ से 10 रुपये का नुकसान हो रहा है।
लगातार महंगा हो रहा है क्रूड-
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव जारी रहने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत सोमवार को 93 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई. साल 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब क्रूड की कीमत इस स्तर पर पहुंची है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बना रहता है तो कच्चे तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।
चुनावों के बाद कहां पहुंचेगी कीमत
चुनावों के बाद घरेलू तेल कंपनियों पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर सकती हैं ताकि अभी हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सके. दिल्ली में अभी पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 86.67 रुपये लीटर है. अगर तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुताबिक दाम बढ़ाती हैं तो दिल्ली में पेट्रोल की कीमत करीब 105 रुपये और डीजल की 96 रुपये पहुंच सकती है।