KNEWS DESK- मोदी सरकार गरीब व वंचित वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तमाम योजनाएं लाती है। जिनका असर जमीनी स्तर पर दिख रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं ऐसा SBI की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है। दरअसल, SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट में मोदी सरकार द्वारा लॉन्च किए गए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की तारीफ की गई है।
रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार ने शुरू की योजना
यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार ने शुरू की थी। इस योजना की सराहना करते हुए कहा गया था कि इस योजना के 75 फीसदी लाभार्थी गैर-सामान्य वर्ग से हैं, जिनमें सबसे ज्यादा ओबीसी की तादाद 44 फीसदी है।
कुल लाभार्थियों में से 43 फीसदी महिलाएं
माइक्रो क्रेडिट स्कीम ‘पीएम स्वनिधि’ के तहत बांटे गए टोटल लोन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी 22 फीसदी है। जबकि कुल लाभार्थियों में से 43 फीसदी महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए कहा है, ‘भारतीय स्टेट बैंक के सौम्य कांति घोष का यह गहन रिसर्च पीएम स्वनिधि योजना के परिवर्तनकारी प्रभाव की एक बहुत स्पष्ट तस्वीर पेश करता है।
अब तक तीन किस्तों में करीब 70 लाख लोन बांटे गए
आपको बता दें कि घोष एसबीआई ग्रुप के मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं। रिपोर्ट के अनुसार योजना के मुताबिक, अब तक तीन किस्तों में करीब 70 लाख लोन बांटे गए हैं, जिनका कुल मूल्य 9,100 करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें 53 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वाले शामिल हैं। रिसर्च रिपोर्ट का कहना है कि पीएम स्वनिधि योजना ने रास्ते में सामुदायिक बाधाओं को तोड़ते हुए हाशिए पर रहने वाले शहरी छोटे कारोबारियों को निर्बाध रूप से जोड़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 10 हजार रुपये का पहला लोन चुकाने और 20 हजार रुपये का दूसरा लोन लेने वाले लोगों का अनुपात 68 फीसदी है। वहीं 20 हजार रुपये का दूसरा लोन चुकाने और 50 हजार रुपये का तीसरा लोन लेने वाले लोगों का अनुपात 75 फीसदी है।
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