KNEWS DESK- शराब घोटाला मामले में आप के मुखिया अरविन्द केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है| ऐसे में प्रमुख नेताओं के जेल जाने से पार्टी में बिखराव की सम्भावना तेज हो गई है| वहीं ED की तरफ से भेजे गये ताजा समन से बचने के लिए केजरीवाल विपश्यना में चले गए हैं| दिल्ली के शराब घोटाला में पूछताछ के लिए ED ने सीएम केजरीवाल को तीसरी बार समन भेजकर 3 जनवरी 2024 को अपने दफ्तर में पेश होने के लिए कहा है| पहले दो बार बुलाये जाने पर सीएम पेश नहीं हुए|
बता दें कि पहली बार बुलाये जाने पर पांच राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यवस्तता का कारण बताया गया था| दूसरी बार बुलाने पर हर साल की तरह इस बार भी 10 दिन के लिए विपश्यना पर जाने के लिए पहले से तय कार्यक्रम में जाना बताकर टाल दिया गया| 22 दिसंबर को वे विपश्यना के लिए चले गए| दूसरे दिन ही ED ने उन्हें 2024 के लिए तीसरा समन भेजा| पहले की तरह आप के नेता इसे राजनीति से जोड़ रहे हैं लेकिन जो नेता उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया या राज्यसभा सदस्य और दूसरे मामले में गिरफ्तार किये गए| दूसरे मंत्री सत्येन्द्र जैन आदि के मामलों ने एक तरह से साबित कर दिया कि कोई भी केवल राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया है|
सिसोदिया के बाद संजय सिंह के लिए विशेष न्यायाधीश MK नागपाल में कहा- उनपर प्रत्यक्ष या परोक्ष घोटाले में शामिल होने का मामला बनता है| केजरीवाल समेत आप के नेताओं को लगता है कि ED पूछताछके बहाने गिरफ्तार कर लेगी और फिर प्रधानमंत्री बनने की दावेदारी को कौन कहे मुख्यमंत्री बने रहना संभव नहीं रह जाएगा| यही नहीं पूरी पार्टी बखर जाएगी|इसकी आशंका ने केजरीवाल और उनके पार्टी के नेताओं की भाषा बदल दी है|
अब केजरीवाल के जेल जाने के भय से उनको मुख्यमंत्री से हटाने का अभियान चलाया जा रहा है| विपक्षी गठबंधन की बैठक में जैसे ही ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री के लिए रखा, तुरंत अरविंद केजरीवाल ने उसका अनुमोदन कर दिया| ED के समन पर भले ही वे किसी बहाने पेश न हों लेकिन माना जा रहा है कि वे गिरफ्तारी से डरे हुए हैं और कम से कम छह महिना यानि लोकसभा चुनाव तक टलवाना चाहते हैं|
पार्टी का इसी बीच एक और इम्तिहान होने वाला है| आप के संजय कांग्रेस से आप में आए| सुशील गुप्ता और नारायण दास गुप्ता दिल्ली से राज्यसभा के लिए चुने गए| इनका कार्यकाल 27 जनवरी को खत्म हो रहा है| उसके लिए चुनाव 19 जनवरी 2024 को होना है| इस बार उम्मीदवार तय करना आप के सर्वेसर्वा केजरीवाल के लिए बड़ी चुनौती है| संजय सिंह जेल में हैं बाकी दोनों की पार्टी में बड़ी भूमिका नहीं रही है|
दिल्ली और पंजाब में आप ने कांग्रेस को शीर्ष से शून्य में ला दिया| बावजूद राजनीतिक समीकरणों के चलते कांग्रेस से ज्यादा भाजपा आप के खिलाफ मुखर है| तीन दिसंबर को जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए, उनमें से हिंदी भाषी तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में आप पूरी ताकत से चुनाव लड़ी| तमाम पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए भाजपा न केवल भरी बहुमत से मध्य प्रदेश का चुनाव जीती बल्कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी अपनी सरकार बनाकर एक इतिहास रच दिया|
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के चलते हुए आर्थिक घोटाले की उप राज्यपाल द्वारा 22 जुलाई 2022 को सीबीआई जांच के आदेश दिए गए| उसके आधार पर सीबीआई ने जांच शुरू कर छापेमारी की| आप में नंबर दो माने जाने वाले मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी ने पार्टी पर संकट बढ़ा दिया| इस घोटाले की जांच शुरू होने के करीब डेढ़ साल बाद पार्टी के और नेता संजय सिंह की गिरफ़्तारी के बाद आप की मुश्किलें और बढ़ गईं|
हर जांच की दिशा सीएम केजरीवाल की तरफ इशारा कर रही है| अगर वो गिरफ्तार हुए तो आप बिखर सकती है| आप न तो भाजपा, माकपा जैसी कार्यकर्त्ता आधारित पार्टी है और न ही सपा, राजद आदि जैसी जाति आधारित पार्टी| वह तो अन्ना हजारे के भ्रष्ठाचार के खिलाफ चले आन्दोलन पर आधारित पार्टी बनी थी, जो आन्दोलनकारी वर्ग था वह तो कब का उनसे अलग हो गया या एक-एक करके केजरीवाल ने उन्हें अलग कर दिया| अब तो उनके मुट्ठी पर लाभार्थी और बड़ी तादाद में फ्री की सुविधा पाने वाले लोग हैं, जो केवल अरविन्द केजरीवाल पर भरोसा करते हैं| उनके ही चलते आप का विस्तार होता रहा है|