KNEWS DESK – देश में HMPV (ह्यूमन मेटाप्न्युमोवायरस) के मामलों में वृद्धि के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पून्या सलिला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्यों को ILI (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) की निगरानी को मजबूत करने और वायरस से जुड़ी स्वास्थ्य स्थिति की समीक्षा करने की सलाह दी गई है। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि HMPV वायरस नया नहीं है और यह पिछले 20 सालों से मौजूद है, खासतौर पर सर्दी के मौसम में इसके मामले बढ़ जाते हैं।
HMPV के मामलों पर स्थिति की समीक्षा
बता दें कि बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में HMPV के मामलों और चीन में इस वायरस के बढ़ते मामलों की स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि, ‘इस वायरस से घबराने या चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह कोई नया वायरस नहीं है।’ उन्होंने बताया कि यह वायरस सर्दी के मौसम में आमतौर पर सक्रिय हो जाता है, लेकिन इसके कारण कोई गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न होने का कोई संकेत नहीं है।
राज्यों को दिए गए निर्देश
बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। विशेष रूप से ILI की निगरानी को मजबूत करने की सलाह दी गई है। राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि वे HMPV के मामलों को सही समय पर ट्रैक करें और इससे संबंधित आंकड़ों की समीक्षा करें। इसके अलावा, राज्यों को यह सलाह दी गई कि वे HMPV वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सार्वजनिक अभियान चलाएं, ताकि लोग इससे बचाव के उपायों को समझ सकें।
देश में सांस संबंधी बीमारियों की स्थिति
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि देश में सांस संबंधी बीमारियों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में इस समय सांस संबंधी बीमारियों का प्रबंधन बेहद सख्त निगरानी के तहत किया जा रहा है, और आईडीएसपी (इन्फ़्लूएंज़ा जैसी बीमारी निगरानी प्रणाली) के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सर्दी के मौसम में श्वसन संबंधी बीमारियों में सामान्य रूप से वृद्धि देखी जाती है, लेकिन वर्तमान में देश इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य मंत्रालय और संबंधित एजेंसियों द्वारा सख्त निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी संभावित स्वास्थ्य संकट से निपटा जा सके।
ICMR और NCDC की निगरानी में सुधार
बैठक में आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) के विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी और कहा कि देश में श्वसन संबंधी बीमारियों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। आईडीएसपी के आंकड़ों में कहीं भी ILI/सार्स जैसी बीमारी में किसी असामान्य वृद्धि का कोई संकेत नहीं मिला है, जो यह साबित करता है कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।