MBBS छात्रों को इनरोलमेंट के 9 साल के अंदर पास करना होगा कोर्स , NMC ने लागू किए नए नियम

KNEWS DESK–  नेशनल मेडिकल काउंसिल ने MBBS छात्रों के लिए नए नियम लागू कर दिये हैं। इसके तहत ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेग्यूलेशंस 2023 को बदला गया है अब MBBS के स्टूडेंट्स को कोर्स में इनरोल करने के नौ साल के अंदर इसे पूरा करना होगा. जिस दिन से उनका एडमिशन होगा, उस दिन से नौ साल गिने जाएंगे इसके साथ ही दूसरा बड़ा नियम ये है कि MBBS का पहला साल अधिकतम चार प्रयास यानी चार अटेम्प्ट में पूरा करना होगा इससे ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे।

रिजल्ट जारी होने के बाद होगी काउंसलिंग

एनएमसी ने ये भी कहा है कि मेडिकल इंस्टीट्यूट्स के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन कॉमन काउंसलिंग के माध्यम से नीट यूजी रिजल्ट 2023 जारी होने के बाद होगा| ये काउंसलिंग मेडिकल काउंसलिंग कमेटी, एमसीसी के माध्यम से होगी।

नए रेग्यूलेशन के नियम

नए जारी किए गए जीएमईआर यानी ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेग्यूलेशन में साफ कहा गया है कि स्टूडेंट्स को एमबीबीएस का पहला साल यानी (फर्स्ट प्रोफेशनल एमबीबीएस) पास करने के लिए चार से ज्यादा मौके नहीं दिए जाएंगे साथ ही किसी भी स्टूडेंट को किसी भी कंडीशन में अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स पूरा करने के लिए एडमिशन के दिन से नौ साल से अधिक समय नहीं दिया जाएगा।

नीट पास करना है जरूरी

इंडिया या इंडिया के बाहर मेडिकल डिग्री लेने के लिए यानी MBBS करने के लिए कैंडिडेट्स का नीट यूजी परीक्षा पास करना जरूरी है नए रेग्यूलेशंस में एनएमसी ने साफ किया कि नेशनल एलिजबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट यूजी एग्जाम ही पास करना होगा इसी के बेसिस पर इंडिया और इसके बाहर के देशों में एडमिशन मिलेगा।

परिणाम

इस बार नीट 2023 परीक्षा के नतीजे जल्दी ही जारी किए जा सकते हैं वे कैंडिडेट्स जिन्होंने इस साल की नीट परीक्षा दी हो वे लेटेस्ट अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं| इस बार नीट यूजी परीक्षा का आयोजन 7 मई 2023 के दिन किया गया था और करीब 21 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम में भाग लिया था|

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