KNEWS DESK – महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि चुनाव से ठीक पहले वोटर लिस्ट से मनमाने तरीके से मतदाताओं के नाम काटे और जोड़े गए, जिसके कारण चुनाव परिणामों पर संदेह जताया गया। इन आरोपों के बाद, चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को 3 दिसंबर को चर्चा के लिए बुलाया है और स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रही है। आयोग ने यह भी कहा कि कांग्रेस के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
बता दें कि चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी और इसमें हर कदम पर उम्मीदवारों और उनके एजेंटों की भागीदारी सुनिश्चित की गई थी। आयोग ने कांग्रेस की चिंताओं की समीक्षा करने के बाद, पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को व्यक्तिगत रूप से सुनने का आश्वासन दिया और कहा कि चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राजनीतिक दलों को मतदाता सूची में बदलाव की प्रक्रिया में शामिल किया गया था और सभी आंकड़े सत्यापन योग्य हैं। मतदान आंकड़ों में अंतर के बारे में आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया के तहत किया गया था, क्योंकि पीठासीन अधिकारी मतदान डेटा को अपडेट करने से पहले कई वैधानिक कार्यों को पूरा करते हैं।
कांग्रेस का आरोप और आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस पार्टी ने अपनी CWC बैठक के बाद आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट से लोगों के नाम मनमाने तरीके से हटाए और जोड़े, जिससे चुनावी निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे। कांग्रेस ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत में अचानक वृद्धि ने उनके संदेह को और मजबूत किया। 21 नवंबर 2024 को शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 58.22% था, जो रात 11:30 बजे तक बढ़कर 65.02% हो गया, और फिर अंतिम रिपोर्ट में 66.05% मतदान दर्ज किया गया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में भारी फेरबदल किया गया और हर विधानसभा क्षेत्र में 10,000 से अधिक मतदाताओं को जोड़ा गया। इन आरोपों के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि अगर उनके सवालों का सही जवाब नहीं मिला, तो पार्टी इसे राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाएगी।
आयोग का स्पष्ट रुख
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों का स्पष्ट और संक्षिप्त जवाब दिया। आयोग ने दोहराया कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी थी और किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई। इसके अलावा, आयोग ने यह भी कहा कि सभी उम्मीदवारों को मतदान केंद्रों के आंकड़े उपलब्ध कराए गए थे और वे सत्यापन योग्य हैं। चुनाव आयोग ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि 5 बजे के आंकड़े और अंतिम मतदान प्रतिशत में अंतर प्रक्रियागत कारणों से था, क्योंकि मतदान के दौरान पीठासीन अधिकारियों को कई वैधानिक जिम्मेदारियां निभानी होती हैं।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस को दिलाया भरोसा
चुनाव आयोग ने कांग्रेस को भरोसा दिलाया है कि उनके सवालों का पूरी तरह से जवाब दिया जाएगा। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने भी चुनावी प्रक्रिया के मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए चुनाव आयोग से निष्पक्ष और पारदर्शी जवाब की उम्मीद जताई है। 3 दिसंबर को चुनाव आयोग के सामने कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष इन सवालों का विस्तृत उत्तर दिया जाएगा।