कांग्रेस ने जातिगत जनगणना को लेकर एक बार फिर उठाया सवाल, 50% आरक्षण सीमा हटाने की ओर बढ़ा कदम

KNEWS DESK-  कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर जातिगत जनगणना के मुद्दे को उठाते हुए कहा है कि यह देश के लिए महत्वपूर्ण कदम है। तेलंगाना में शनिवार से शुरू हो रही जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस ने जोर दिया कि एससी-एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू किया गया “मनमाना नियम” हटाना उनके दृष्टिकोण का मुख्य हिस्सा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर विस्तृत बयान देते हुए कहा कि पार्टी जातिगत जनगणना के साथ-साथ आरक्षण पर न्यायसंगत निर्णय के लिए प्रतिबद्ध है, जैसा कि भारतीय संविधान में निर्धारित है।

तेलंगाना में शुरू हो रही जातिगत जनगणना

तेलंगाना सरकार ने शनिवार से राज्य में जातिगत जनगणना शुरू कर दी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम बताया। उनका कहना था कि यह तेलंगाना आंदोलन की आकांक्षाओं को पूरा करने और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के आदर्शों को स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

कांग्रेस ने इस जातिगत जनगणना को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो 1931 के बाद पहली बार हो रही है। इसके तहत अगले कुछ सप्ताहों में लगभग 80,000 गणनाकर्ता घर-घर जाकर 33 जिलों के 1.17 करोड़ से अधिक घरों का आंकलन करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह जनगणना न केवल राज्य के लिए, बल्कि देश के लिए भी एक अहम कड़ी साबित हो सकती है।

राहुल गांधी का बयान: जाति जनगणना और आरक्षण की सीमा पर हमला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस सप्ताह की शुरुआत में हैदराबाद में आयोजित एक बैठक में जातिगत जनगणना के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत में जातिगत भेदभाव का स्तर दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे खराब है। उनका यह भी कहना था कि जाति आधारित भेदभाव को खत्म करने के लिए जातिगत जनगणना एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को “राष्ट्रीय जातिगत जनगणना का मॉडल” बताते हुए कहा, “तेलंगाना का यह कदम पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी और इंडिया गठबंधन सरकार इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने की दिशा में काम करेगी।

50% आरक्षण सीमा पर कांग्रेस का रुख

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस का दृष्टिकोण साफ है: एससी, एसटी, और ओबीसी के लिए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत की सीमा को हटाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हम भारत में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जैसा कि हमारे संविधान में लिखा है और जिस पर भारत के संस्थापकों ने बल दिया था।” रमेश ने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य है कि देश में जाति आधारित भेदभाव को समाप्त किया जाए और आरक्षण की सीमा को हटाकर समाज के कमजोर वर्गों को उचित अधिकार दिए जाएं। उनका मानना है कि यह कदम भारतीय समाज को और अधिक समावेशी बनाएगा और लोकतंत्र की आत्मा को मजबूत करेगा।

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