देश में सिर्फ चार दिनों के कोयले का स्टॉक बचा हुआ है. पिछले कुछ वक्त से कोयले की किल्लत ने सरकार को परेशान कर रखा है. कोयले की कमी की वजह से बिजली सेक्टर पर बड़ी आफत आ सकती है बता दें कि देश में 70 फीसदी बिजली उत्पादन कोयले के द्वारा ही होता है। जानकारी के मुताबिक कुल 135 थर्मल पावर प्लांट्स में से 72 के पास कोयले का तीन दिन से भी कम का स्टॉक बचा हुआ है। जबकि 50 पावर प्लांट ऐसे है जहां कोयले का चार से 10 दिन का स्टॉक है।
ताजा रिपोर्ट से यह भी पता चला है
कोयला सचिव अनिल जैन ने कंपनी के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल को 27 सितंबर को एक पत्र में लिखा, “मैं आपको यह याद दिलाना चाहता हूं कि कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों को बार-बार इस मसले पर ध्यान दिलाने की कोशिश की है, ताजा रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 25 ऐसे बिजली संयंत्रों में तीन अक्टूबर को सात दिन से भी कम समय का कोयला भंडार था. कम से कम 64 ताप बिजली संयंत्रों के पास चार दिनों से भी कम समय का ईंधन बचा है. सीईए 135 बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार की निगरानी करता है, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता दैनिक आधार पर 165 गीगावॉट है.