KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के झांसी में हुए दिल दहला देने वाले हादसे को लेकर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार की रात रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुई 10 नवजात बच्चों की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है। सुरजेवाला ने इस घटना को ‘संस्थागत हत्या’ करार देते हुए योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
सुरजेवाला का तीखा आरोप
बता दें कि सुरजेवाला ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “10 नवजात बच्चों की मौत हुई है। एक मां के आंसू और दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है, जिसने अपनी औलाद को खो दिया। यह हादसा नहीं, यह संस्थागत हत्या है।” उन्होंने आगे कहा, “योगी आदित्यनाथ ने संन्यास लिया है, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन काश उनके बच्चे होते तो वे जानते कि एक बच्चा खोने का दर्द क्या होता है।”
झांसी हादसे का विवरण
झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात को आग लगने से एनआईसीयू (नवजात शिशु देखभाल यूनिट) में भर्ती 10 बच्चों की मौत हो गई। हादसे के बाद अस्पताल परिसर में चीख-पुकार मच गई, और माता-पिता अपने बच्चों के लिए मदद की गुहार लगाने लगे। इस घटना में कुल 54 नवजात शिशु भर्ती थे, जिनमें से 17 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर के अनुसार, आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट से लगी थी। आग तेजी से फैलने के कारण बच्चों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
योगी सरकार का रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “यह एक दुखद घटना है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उच्चस्तरीय जांच की बात करते हुए कहा कि डीजीएमई, फायर और इलेक्ट्रिक विभाग की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस और बीजेपी का आमना-सामना
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने जहां योगी सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए, वहीं बीजेपी इस घटना को लेकर जांच और कार्रवाई के वादे कर रही है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं, जबकि बीजेपी के नेता मामले की उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दे रहे हैं।
यह हादसा न केवल झांसी बल्कि पूरे राज्य के लिए गहरी चिंता का विषय बन गया है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार इस घटना के बाद किस प्रकार की कार्रवाई करती है और क्या दोषियों को न्याय दिलाया जा सकेगा।