कोर्ट के बाहर हुआ पति का बंटवारा,हफ्ते के 3-3 दिन देगा दोनों पत्नियों को और रविवार को रहेगा आजाद

ग्वालियर: पेशे से इंजीनियर पति को आपस के समझौते के तहत हफ्ते के तीन दिन पहली पत्नी व हफ्ते के तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा,रविवार को वह अवकाश पर रहेगा यानी कि अकेला,

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से एक ऐसा वाक्या सामने आया है,जिसको सुनकर आप हैरान कर देगा.जी 2 पत्नियों के बीच इस बात को लेकर समझौता हुआ है कि पति किसके पास कितने दिन रहेगें,वहीं इस बात को लेकर दोनों ने सलह की  हफ्के के 3-3 दिन पति दोनों के साथ  रहेगें ,फिर रविवार को आजाद रहेगें, न्यायलय के बाहर हुई यह अनोखा समझौता हुआ पत्नियों के बीच,

ग्वालियर की रहने वाली एक युवती 28 की है,उसका विवाह शहर के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से हुआ था,वहीं युवक हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करता है,और शादी के बाद दोनों पति-पत्नी गुरुग्राम में रहने लगे, दो साल तक साथ रहे और उनका एक बेटा भी हुआ,

इसके बाद 2020 के मार्च में कोरोना काल के समय लॉकडाउन लग जाने के कारण वर्क फ्रॉम होम के चलते वह ग्वालियर आ गया,और जब स्थिति सही हुई तो वह वापस गुरुग्राम चला गया और पत्नी बच्चें को वहीं छोड़ गया,

वहीं अचानक पत्नी जब गुरुग्राम जा पहुंची,तो पता चला कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान उसके पति के संबंध उसी कंपनी में काम करने वाली एक महिला से बन गए थे,शुरु में दोनों लिव-इन में रहने लगें फिर उन्होनें बिना किसी को बताए शादी कर ली,जिसके बाद उसने दूसरी पत्नी से एक बेटी हुई.

जब पहली पत्नी को इसके बारे में मालूम चला तो दोनों में झगड़ा हो गया,वहां से महिला वापस आकर अपने मायके लौट गई और परिवार वालों की मदद से ग्वालियर फैमिली कोर्ट की शरण ली,क्योंकि वह पति से गुजारा भत्ता चाह रही थी,

इसी समय महिला की मुलाकात फैमिली कोर्ट के काउंसलर से हुई, वहीं काउंसलर ने महिला को समझाया कि मामला कोर्ट में बहुत समय तक चलेगा,और भत्ते के एवज में जो पैसा मिलेगा उससे महिला और उसके बच्चे का भरण-पोषण भी नहीं हो पाएगा,और कोर्ट की तारीख में उसका पैसा खर्च होता रहेगा,

वहीं काउंसलर ने कोर्ट में केस दाखिल करने से पहले महिला के पति से फोन पर बातचीत की,और उसे दूसरी पत्नी संग गुरुग्राम से ग्वालियर बुला लिया,वहीं इंजीनियर युवक ने बताया कि उसकी पहली पत्नी का नेचर ठीक नहीं है,जिसकी वजह से उसकी उसकी पट नहीं सकती है,इसी कारण उसने दूसरी शादी रचा ली,वह अपनी दूसरी पत्नी के साथ खुश है और वह उसे नही छोड़ना चाहता है,

वहीं कांउसलर के समझाया कि अगर केस अदालत में जाएगा तो दोनों लोग को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी,और हिंदू धर्म के अनुसार वह पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी नहीं कर सकता,और उसके ऊपर दहेज उत्पीड़न व यौन उत्पीड़न जैसे कई मामले दर्ज हो सकते है,जिसकी वजह से उसकी नौकरी भी जा सकती है,और उसके बाद उसे पहली पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा,

कांउसलर की बात सुनकर इंजीनियर समझौते के लिए तैयार हो गया,कोर्ट के बाहर हुए इस फैसले को दोनों पत्नियों ने मानते हुए खुद की रजामंदी स्वीकारी,दोनों ने समझौते के अनुसार हफ्ते के 3दिन पहली पत्नी के साथ व हफ्ते के 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ समय देगा और बचा दिन वह आजाद रहेगा,वहीं इंजीनियर पति ने दोनों पत्नियों को अलग-अलग फ्लैट लेकर दे दिया है,

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