उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर चर्चा तेज है….माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार राज्य में इसे लागू कर सकती है। राज्य के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने संकेत भी दिए है कि सरकार इसी महीने ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अहम कदम उठा सकती है…जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड सरकार विधानसभा के दो सत्र आयोजित करेगी…जनवरी में उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा…जिसमें धामी सरकार 10% राज्य आंदोलनकारी आरक्षण बिल पेश करेगी तो वहीं यूसीसी का बिल भी विधानसभा में पेश किया जा सकता है….सदन में यदि सरकार इन दोनों बिलों को पारित कराती है तो यह धामी सरकार का बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जाएगा…बताया जा रहा है कि धामी सरकार जल्द से जल्द सत्र आयोजित करना चाह रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है….उसके बाद उत्तराखंड में विशेष सत्र आयोजित किया जा सकता है…जिसमें ये दोनों विधेयक पारित किए जा सकते हैं…मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यूसीसी के लिए गठित समिति बहुत जल्द सरकार को रिपोर्ट सौंपने वाली है। रिपोर्ट मिलते ही सरकार इसे लागू करने की दिशा में कार्य करेगी…..वहीं विपक्ष का आरोप है कि भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। और असल मुद्दों को छोड़कर सरकार यूसीसी और राम मंदिर के सहारे चुनावी नैया पार करने की तैयारी कर रही है। सवाल ये है कि क्या यूसीसी सरकार का चुनावी हथियार है
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने सभी बड़े दांव चलने की तैयारी में है। अयोध्या में जहां राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही है. तो दूसरी तरफ प्राण प्रतिष्ठा के महीने में ही यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट धामी सरकार को सौंपने जा रही है.. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री का कहना है कि कमेटी इसी माह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी इसके बाद सरकार आगे की कार्रवाई शुरू कर जल्द से जल्द राज्य में यूसीसी को लागू करने की दिशा में कार्य करेगी…वहीं खबर आ रही है कि सरकार इसके लिए विशेष सत्र बुलाने पर भी विचार कर रही है..जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड सरकार विधानसभा के दो सत्र आयोजित करेगी… जिसमें धामी सरकार 10% राज्य आंदोलनकारी आरक्षण बिल पेश करेगी तो वहीं यूसीसी का बिल भी विधानसभा में पेश किया जा सकता है….सदन में यदि सरकार इन दोनों बिलों को पारित कराती है तो यह धामी सरकार का बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जाएगा…हांलाकि विपक्ष का आरोप है कि भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। और असल मुद्दों को छोड़कर सरकार यूसीसी और राम मंदिर के सहारे चुनावी नैया पार करने की तैयारी कर रही है।
आपको बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है….उसके बाद उत्तराखंड में विशेष सत्र आयोजित किया जा सकता है…सत्र में 10% राज्य आंदोलनकारी आरक्षण बिल, यूसीसी का बिल भी विधानसभा में पेश किया जा सकता है…आपको बता दें कि धामी सरकार ने आठ सितंबर को विधानसभा सत्र में राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश किया था….लेकिन विधेयक में कुछ संसोधन के लिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया था… इस समिति ने 9 नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी है….जिसके बाद अब मांग की जा रही है कि जल्द विशेष सत्र बुलाकर राज्य आँदोलनकारियों की इस मांग को पूरा किया जाए….वहीं सरकार भी अब राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को पूरा करने की तैयारी में लगी हुई है…..हांलाकि विपक्ष का कहना है कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों के प्रति गंभीर नहीं है कांग्रेस ने मांग की है कि तत्काल राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को पूरा किया जाना चाहिए
कुल मिलाकर नए साल के आगमन के साथ ही धामी सरकार राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण और यूसीसी के मुद्दे पर विधेयक लाने की तैयारी में हैं हालाकि ये तो वक्त बताएगा की क्या सरकार इस दोनों मुद्दों पर आगे सरकार क्या कार्रवाई करती है.. लेकिन सीएम धामी के सामने अभी भी कई और चुनौतियां है जिसे पूरा किया जाना बेहद जरूरी है जिसमें यूसीसी, राज्य आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण के साथ ही लोकायुक्त की नियुक्ति, भू कानून, मूल निवास, निकाय चुनाव, एमओयू की ग्राउंडिंग, समेत तमाम ऐसे मुद्दे है जो सरकार के सामने बड़ी चुनौती है सवाल ये है कि क्या जो काम इतने सालों में पूरे नही हो पाए वो काम 2024 में पूरे हो पाएंगे…