उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण पर रार एक बार फिर छिड़ गई है। दअरसल कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार से राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को जल्द पूरा करने की मांग की है। इसी के तहत राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने विधानसभा के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया….प्रदर्शनकारियों ने सरकार से विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण बिल पारित करने की मांग की है। आपको बता दें कि पिछले करीब 23 वर्षों से राज्य आंदोलनकारी 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने की सरकार से मांग कर रहे हैं। लेकिन राज्य आँदोलनकारियों का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं नाराज राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द क्षैतिज आरक्षण के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को पूरा नहीं किया तो राज्य आंदोलनकारी 26 दिसम्बर से उग्र आंदोलन करेंगे……वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए गंभीर है…आपको बता दें कि धामी सरकार ने आठ सितंबर को विधानसभा सत्र में राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश किया था….लेकिन विधेयक में कुछ संसोधन के लिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया था… इस समिति ने 9 नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी है….जिसके बाद अब मांग की जा रही है कि जल्द विशेष सत्र बुलाकर राज्य आँदोलनकारियों की इस मांग को पूरा किया जाए.. सवाल ये है कि क्या धामी सरकार राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को पूरा करेगी..
9 नवंबर सन् 2000 ये वो तारीख थी जब उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ.. देश के 27 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आये इस उत्तराखंड के लिए जिन राज्य आंदोलनकारियों ने संघर्ष किया वो राज्य आंदोलनकारी आज भी संघर्ष कर रहे हैं। दअरसल पिछले 23 सालों से उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारी सरकार से 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण दिए जाने की मांग कर रहे हैं…लेकिन अबतक राज्य आंदोलनकारियों की ये मांग अधूरी है…समय समय की सरकारों ने हर बार आश्वासन तो दिया लेकिन धरातल पर ये मांग पूरी नहीं हो पाई… हांलाकि धामी सरकार ने एक कदम जरूर आगे बढ़ते हुए राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को पूरा करने के लिए आठ सितंबर को विधानसभा सत्र में राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश किया था….लेकिन विधेयक में कुछ संसोधन के लिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया था… इस समिति ने 9 नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी है….वहीं विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि विशेष सत्र बुलाने का फैसला राज्य सरकार लेगी…
वहीं राज्य में इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने विधानसभा के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया….प्रदर्शनकारियों ने सरकार से विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण बिल पारित करने की मांग की है। वहीं राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द क्षैतिज आरक्षण के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को पूरा नहीं किया तो राज्य आंदोलनकारी 26 दिसम्बर से उग्र आंदोलन करेंगे… वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए गंभीर है
कुल मिलाकर राज्य में आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण पर रार एक बार फिर छिड़ गई है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। वहीं सरकार से विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की जा रही है। ऐसे में देखना होगा कि क्या धामी सरकार राज्य आंदोलनकारियों की इस मांग को पूरा कर पाएगी…क्या सरकार विशेष सत्र बुलाएगी…या फिर इंतजार और बढ़ाएगी