KNEWS DESK- सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्त्व होता है| इस पूर्णिमा के दिन भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के साथ महारास किया था| शरद पूर्णिमा इस बार 28 अक्टूबर को पड़ रही है| इस दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है| चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है| ऐसे में सभी इस बात को लेकर बहुत कन्फ्यूज हैं कि चंद्रग्रहण के साए के साथ खीर का भोग लगाया जाएगा या नहीं ? चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं|
दरअसल, शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और इससे अमृत की बरसात होती है| इस दौरान चांद से निकलने वाली किरणें काफी शक्तिशाली मानी जाती हैं| ये कई तरह के रोगों को नष्ट कर सकती हैं| इसलिए ही इस दिन चांद की रोशनी में खीर रखना काफी शुभ माना जाता है| कहा जाता है कि इससे खीर भी अमृत के समान हो जाती है, जिसके सेवन करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है|
क्यों बनाते हैं खीर
माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चांद से जुड़ा दूध अमृत समान हो जाता है| ऐसे में इसी दूध की खीर बनाई जाती है| इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया भी है| ऐसे में चंद्रमा को खीर का भोग लगाने को लेकर लोग काफी कन्फ्यूज हैं|