KNEWS DESK… महिला आरक्षण बिल लोकसभा में भारी बहुमत से पास होने के बाद आज यानी 21 सितम्बर को राज्यसभा में पेश किया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के द्वारा राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया है. जिसके बाद विपक्ष की तरफ से सबसे पहले कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने बोलना शुरू किया. रंजीत रंजन ने कहा कि बिल को लेकर मुझे अपत्ति है.
दरअसल, रंजीत रंजन ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब आपको सत्ता की जरूरत पड़ती है तो आप नारी की वंदना करने लगते हैं. लेकिन जीत के बाद पुरूष की वंदना होती है. जब इस नई संसद का भवन का उद्घाटन हुआ, आपने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया। 13 साल से हम अपने सम्मान, अधिकार से वंचित हैं। मुझे इस बिल में कोई साजिश नजर आती है। 13 साल पहले राज्यसभा में इसे पारित किया था। आज आप इसे लेकर आए हैं। साढ़े 9 साल के बाद। 2014 में आप सत्ता में आए, आपके मैनिफेस्टो में ये था लेकिन साढ़े नौ साल कैसे लग गए? महिला आरक्षण के लिए आपको स्पेशल सत्र की जरूरत क्यों पड़ गई? जातीय जनगणना और परिसीमन का पेंच क्यों लगाया है? इससे पहले आप नोटबंदी ले आए, काला किसान कानून लाए, लेकिन किसी से नहीं पूछा? आपकी बाधा, चुनावी एजेंडा है, आपका काम सिर्फ झुनझुना दिखाना है।
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पुरुषों के हिस्से में से महिलाओं को हिस्सा क्यों नहीं देना चाहते?-रंजीत रंजन
रंजीत रंजन ने कहा कि आप महिला बिल का महिमामंडन कर रह हैं। लेकिन मैं उदाहरण देना चाहती हूं कि UPA-2 में ये बिल पास हुआ था। हमारा उद्देश्य लाइमलाइट में आना नहीं था। राजीव गांधी ने कहा था कि महिलाओं के मामलों में हिंदुस्तानी पुरुष दोहरा चरित्र वाला है। रंजीत रंजन ने कहा कि जो भी पेंच हैं, उसे दूर कर महिलाओं को उनका हक क्यों नहीं देना चाहते? आप पुरुषों के हिस्से में से महिलाओं को हिस्सा क्यों नहीं देना चाहते? आपने नारी शक्ति का वंदन विधेयक नाम दिया है, इसे समानता कहे। मैं चाहती हूं कि इस बिल को पास किया जाए। साथ ही एससी और एसटी महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिले।
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