KNEWS DESK- आपको कई बार यह एहसास तो जरुर हुआ होगा| कि सोते-सोते आप कहीं ऊंचाई से निचे गिर गये हों| जिसके कारण आपको जोर से झटका भी लगता है| ऐसे झटके आपको कई बार लगे होंगे|कुछ लोग तो इस झटके से काफी परेशान हो जाते हैं उन्हें उसके बाद ढंग से नींद नहीं आती| आपके दिमाक में ये प्रश्न तो जरुर आता होगा कि ऐसा क्यों होता है…?तो आज हम आपके इसी सवाल का जबाव आपको बताएंगे|
मेडिकल टर्म में इन झटकों को हाइपनिक जर्क कहते हैं|नींद के ये झटके दिमाक के उस भाग में आते हैं जहां दिमाग को चौंका देने वाली प्रतिक्रिया को कंट्रोल किया जाता है| हाइपनिक जर्क आने का कोई एक कारण नहीं है, इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं|दरअसल, नींद के समय शरीर एकदम रेस्ट मोड में चला जाता है| इस समय मांसपेशियां रेस्ट करती हैं और दिल की स्पीड भी कम हो जाती है|तब दिमाग नींद में ही ये चैक करता है कि दिल सही से काम कर रहा है या नहीं और इस वजह से वो हाइपनिक जर्क पर प्रभाव डालता है|
मांसपेशियों के रेस्ट मोड में जाने पर दिमाग को ऐसा महसूस होता है कि हम हकीकत में गिर रहे हैं और ऐसी अवस्था में बचने के लिए हाइपनिक जर्क आते हैं| आपको बता दें कि शरीर इस समय सोता है और दिमाग जगा रहता है और वो किसी भी तरह की अनहोनी को देखते ही शरीर को झटका देता है|
जो लोग अत्यधिक चाय कॉफी पीते हैं या ज्यादा वर्कआउट करते हैं, उन्हें यह झटकें ज्यादा महसूस होते हैं| नींद की कमी भी या ज्यादा स्ट्रेस भी इसका कारण हो सकता है|