रामचरितमानस पर क्या बोले CM भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़, देशभर में इन दिनों हर तरफ रामचरितमानस को लेकर बयानबाजी जारी है और इसे लेकर राजनीतिक रोटियां भी सेंकी जा रही हैं। हर किसी ने इस विवाद में कुछ न कहा है और इसी के चलते आज  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की एंट्री हो गई है।  भूपेश बघेल ने बहुत ही सीधे अंदाज में कहा कि इतने बड़े ग्रंथ में कई अच्छी चीजें हैं उन्हें ग्रहण कर लीजिए और जो आपको नहीं जमता उसे छोड़ दीजिए। और ये सही भी है क्युकी हमे हर जगह कुछ न कुछ एसा मिलेगा जो अच्छा नही होगा लेकिन इसका मतलब ये बिल्ल्कुल नही है की हर चीज़ का मुद्दा बना दिया जाये |

क्या कहा भूपेश बघेल ने ?

भूपेश बघेल ने कहा, ‘बात रामायण के बारे में है, राम के बारे में है। राम को आप जिस रूप में देखें, मरा-मरा बोलेंगे तो आखिर राम-राम बोल ही लेंगे। कोई मरा-मरा कहता है तो कोई राम-राम..क्या अंतर पड़ता है आप उसे किसी भी नाम से पढ़े। आप उसके विरोध में भी बात करें तो उसमें भी उसका नाम है। दूसरी बात रामायण के बारे में यह कहना चाहूंगा कि इस बारे में बिनोबा भावे ने बहुत अच्छी बात कही है किसी भी धर्मग्रंथ के, किसी भी दर्शन के जो किसी समय लिखा गया है उसकी आज के समय और परिस्थितियों में गूढ़ विवेचना करनी चाहिए और उस तत्व या सार अथवा सूक्ष्म तत्व को विचार करके ग्रहण करना चाहिए। जस के तस ग्रहण नहीं करना चाहिए।’

क्यों विवाद को बताया गलत ?

बघेल ने आगे कहा, ‘साढ़े चार सौ साल पहले रामायण लिखा गया और वाल्मिकी रामायण तो उससे भी पहले लिखा गया है। अनेक प्रदेश हैं जहां रामायण की रचना अलग-अलग भाषाओं में हुई है। तो वो जैसे लिखे गए हैं आपको आज की परिस्थिति में वैसे स्वीकार करने की जरूरत नहीं है। जो उसका मूल तत्व है उसकी विवेचना कीजिए और उसको ग्रहण कीजिए जो आपके लिए आज जरूरी है। ये जो बाद-विवाद कर रहे हैं वो गलत है। आप रामायण में जो अच्छी चीज है उसे ग्रहण कीजिए ना, जो नहीं जानते हैं उसे छोड़ दीजिए। उसके अलावा भी तो बहुत सारी चीजें हैं। एक चौपाई, या दो चार दोहों से फर्क नहीं पड़ता है इतने बड़े ग्रंथ में। महाभारत लिखा गया है, वेद, उपनिषद लिखे गए हैं, गीता है, उसमें जो मूल तत्व हैं उसे ग्रहण कीजिए ना। हर के लिए प्रत्यके बात सही नहीं हो सकता है। प्रत्येक बात, प्रत्येक व्यक्ति के लिए सही नहीं हो सकता है।’

About Post Author