उत्तराखण्ड मे बनेगा अब भूस्खलन स्टडी सेंटर

 देहरादून   उत्तराखण्ड मे भूस्खलन जेसी घटनाओ को रकोने तथा राज्य मे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान के लिए प्रदेश मे भूस्खलन न्यूनीकरण एंव प्रबंधन केंद्र की स्थापना होगी |यह केंद्र भूस्खलन की भविष्यवाणी का तंत्र विकसित करने के साथ ही भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के ट्रीटमेंट का काम करेगा |

मुख्य सचिव डॉ  संधु ने बताया की राज्य  में लंबे समय से आपदा और भूस्खलन की घटनाए घट रही हैं |और हर साल इस वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती हैं | इसके मद्देनजर केबिनेट ने इस सेंटेर को मंजूरी देने का निर्णय लिया हैं | स्टडी सेंटर के ढांचे में 75 पद  पास होंगे , जिसमे महानिदेशक से लेकर कई अन्य अहम पदों को मंजूरी दी गई हैं |इसमे ज्यादातर पद तकनीकी विशेषज्ञो व वैज्ञानिक के होंगे |तथा आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव इस सेंटर के महानिदेशक होंगे |साथ ही इनके अलावा लोक निर्माण विभाग, वित्त वन एव पर्यावरण ,शहरी विकास ऊर्जा ,सिचाई ,राजस्व ,भारतीय  प्रौघोगिकी संस्थान रुड़की के विशेषज्ञ सलाहाकार के साथ ही कई संस्थाओ के कुल 15 सदस्य इसमे शामिल किया |

 

स्टडी सेंटर के मुख्य कार्य .

 

. आपदा से निपटने की चेतावनी प्रणाली तैयार करना

.  बाढ़ और भूकंप में भूस्खलन की भूमिका

. राज्य की ढलानों और वर्षा जल की मॉडलिंग होंगी |

. इस केंद्र का मुख्य कार्य राज्य के अलग अलग जगहों मे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए व्यापक सर्वे करना और उसका मानचित्र तैयार करना हैं |

. इसके आधार पर राज्य में आपदा से निपटने की पूर्व चेतावनी तैयार की जाएगी | साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में विकास कार्य से पहले ही अध्ययन करके काम किया जाएगा |  केंद्र के विशेषज्ञो राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन की ढलान आदि का भी अध्ययन करके रिपोर्ट देंगे |

. इस केंद्र का मुख्य कार्य राज्य मे अभी तक हुए भूस्खलन की घटनाओ का डेटा बेंक तैयार करना होगा | इन घटनाओ का अध्ययन करने के बाद अन्य क्षेत्रों की पहचान करने का कार्य किया जाएगा |

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