इस ऐलान के पीछे का मकसद है अमेरिका को विदेशी सामानों पर निर्भरता से मुक्त करना और उन देशों को सबक सिखाना जो अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाते हैं। ट्रंप के इस निर्णय से वैश्विक व्यापार में हलचल मचने की संभावना है, क्योंकि इससे व्यापारिक साझेदारों के साथ संबंधों पर सीधा असर पड़ सकता है।
ट्रंप के इस कदम से यूरोपीय संघ, भारत, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और अन्य व्यापारिक साझेदारों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इन देशों में बेचैनी बढ़ गई है और कई देश ट्रंप के इस फैसले का जवाब देने की योजना बना रहे हैं।
यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ट्रंप के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह टकराव यूरोप ने शुरू नहीं किया है।” उन्होंने आगे कहा, “हम जवाबी कार्रवाई नहीं चाहते, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास मजबूत योजना है और हम इसका इस्तेमाल करेंगे।”
इस फैसले के बाद दुनिया भर के व्यापारिक नेताओं और अर्थशास्त्रियों ने चिंताएं जताई हैं। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर असर पड़ सकता है, कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है, और आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ सकती है।
ट्रंप के इस ऐलान से वैश्विक व्यापार के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदार इस नई चुनौती का सामना कैसे करते हैं।
ये भी पढ़ें- रामनवमी के लिए अयोध्या है तैयार, चंपत राय ने राम भक्तों से की अपील, कहा- भगवान के सूर्य तिलक का भक्त घर बैठकर लें आनंद