KNEWS DESK- पश्चिम बंगाल में राज्यपाल सीवी आनंद बोस और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच एक बार फिर से राजनीतिक तनातनी बढ़ गई है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष और दो नवनिर्वाचित विधायकों को मानहानि का नोटिस भेजा है। इस नोटिस में राज्यपाल ने इन नेताओं से कहा है कि उन्होंने उनका मानहानि किया है, और यदि वे माफी नहीं मांगते, तो 11-11 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा। यह घटना पश्चिम बंगाल के राजनीतिक इतिहास में पहली बार घटित हुई है, जब किसी राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और विधायकों को मानहानि का नोटिस भेजा है।
नोटिस का पूरा मामला
यह मामला मई 2024 में हुए बंगाल विधानसभा उपचुनाव से जुड़ा हुआ है। इन उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस के दो उम्मीदवार, सयंतिका बनर्जी (बारानगर सीट) और रैयत हुसैन सरकार (भगवान गोला सीट), ने जीत दर्ज की। हालांकि, इन दोनों विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। राज्यपाल सीवी बोस ने विधानसभा अध्यक्ष को शपथ दिलाने का अधिकार नहीं दिया और कहा था कि यह कार्य डिप्टी स्पीकर द्वारा किया जाए। इसके बाद, दोनों विधायकों ने राजभवन जाकर शपथ लेने से इंकार कर दिया, उनका कहना था कि राजभवन उनके लिए सुरक्षित नहीं है।
इस घटनाक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन को लेकर गंभीर टिप्पणियां की थीं। ममता ने कहा था कि राजभवन में महिलाओं के लिए सुरक्षा नहीं है। इसके बाद, कोलकाता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी से इस तरह की टिप्पणी से बचने की सलाह दी थी।
इसी बीच, दोनों विधायकों ने राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद राज्यपाल सीवी बोस ने उनके खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा है।
11-11 करोड़ का नोटिस: क्या है इसका मतलब?
राज्यपाल द्वारा भेजे गए मानहानि के नोटिस में 11-11 करोड़ रुपये का दावा किया गया है। यह दिलचस्प है क्योंकि सयंतिका बनर्जी की कुल संपत्ति मात्र 45 लाख रुपये है, जबकि रैयत हुसैन सरकार की कुल संपत्ति लगभग 3 करोड़ रुपये है। सयंतिका बनर्जी बांग्ला फिल्म अभिनेत्री हैं और रैयत हुसैन सरकार ने तृणमूल कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
राज्यपाल के इस नोटिस में इतनी बड़ी रकम की मांग ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस नोटिस को लेकर सवाल उठ रहे हैं, खासकर तब जब ममता बनर्जी की अपनी कुल संपत्ति महज 16 लाख रुपये है, जैसा कि उन्होंने हाल ही में सार्वजनिक किया था।
राज्यपाल और तृणमूल कांग्रेस के बीच बढ़ती तकरार
राज्यपाल और तृणमूल कांग्रेस के बीच यह तकरार कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी, तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल के बीच कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं। हालांकि, यह पहली बार है जब राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और विधायकों के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है, जो राजनीतिक स्तर पर एक बड़ी घटना मानी जा रही है।
आखिरकार, इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्यपाल और तृणमूल कांग्रेस के बीच रिश्तों में खटास बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप आने वाले दिनों में बंगाल की राजनीति में और भी कई घमासान देखने को मिल सकते हैं।
राज्यपाल के नोटिस और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच बढ़ती तकरार, पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। यह मुद्दा राजनीतिक सीन में आगे भी चर्चा का विषय बना रहेगा। आने वाले दिनों में राज्यपाल और तृणमूल कांग्रेस के बीच इस विवाद पर और भी बयानबाजी हो सकती है, और इसके प्रभाव राज्य की राजनीतिक धारा को प्रभावित कर सकते हैं।
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