KNEWS DESK, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे लोकल चुनावों में बीजेपी के साथ गठबंधन करने की तैयारी में हैं। इस संबंध में वे 30 जनवरी को सुबह 10 बजे अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस रैली में राज ठाकरे बीजेपी के साथ गठबंधन की घोषणा करेंगे या फिर अपनी पार्टी के बल पर चुनावी मैदान में उतरेंगे, इस पर सभी की नजरें होंगी।
बीजेपी को लोकसभा चुनाव में समर्थन, विधानसभा में अकेले लड़ा चुनाव
लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने बीजेपी को नरेंद्र मोदी के नाम पर समर्थन दिया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्होंने ‘एकला चलो’ का नारा दिया था। दोनों चुनावों में उनकी पार्टी को नुकसान हुआ, और अब कार्यकर्ता दबाव बना रहे हैं कि राज ठाकरे बीजेपी के साथ गठबंधन करें।
पार्टी नेताओं से चर्चा, गठबंधन की संभावना
पिछले महीने राज ठाकरे ने पार्टी के मुख्य नेताओं से बातचीत की थी, जिसमें बीजेपी के साथ गठबंधन पर चर्चा हुई थी। मुंबई में पिछले 25 सालों से उद्धव ठाकरे की पार्टी का वर्चस्व रहा है। विधानसभा सरकार को उखाड़ने के बाद अब एनडीए सरकार उद्धव ठाकरे को बीएमसी चुनाव में हराने के लिए तैयार है।
बीजेपी का गठबंधन करना क्यों जरूरी है?
महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस एक साथ हैं। बीजेपी और शिवसेना की ताकत मुंबई में उद्धव ठाकरे के बराबर है, लेकिन उद्धव ठाकरे को हराने के लिए एक ‘ठाकरे ब्रांड’ की जरूरत होगी। इसलिए राज ठाकरे का बीजेपी के साथ गठबंधन होने की संभावना जताई जा रही है।
बीएमसी चुनाव का गणित
मुंबई में 228 वार्ड वाली महानगर पालिका है। 2017 के बीएमसी चुनाव में विभिन्न पार्टियों ने निम्नलिखित सीटें जीती थीं:
- शिवसेना: 96
- बीजेपी: 82
- कांग्रेस: 29
- राष्ट्रवादी कांग्रेस: 8
- समाजवादी पार्टी: 6
- एआईएमआईएम: 2
- मनसे: 1
- अन्य: 1
राज ठाकरे की पार्टी का इतिहास
राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की स्थापना की थी। 2009 में पहले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 145 सीटों पर चुनाव लड़ा और 13 सीटें जीतीं। 2014 में 188 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ 1 सीट जीती। 2019 में 140 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई।
विधानसभा में हार के बाद बीएमसी में गठबंधन का रास्ता?
विधानसभा चुनाव में बुरी हार के बाद अब राज ठाकरे बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन का रास्ता तलाश रहे हैं। मराठी मानुस और हिंदुत्व के मुद्दे पर उनकी पार्टी ने शुरुआत में ही राजनीति की थी। हालांकि, राज्य में कई बार पार्टी के कार्यकर्ता उत्तर भारतीयों के खिलाफ आंदोलन करते दिखे थे।
बीजेपी-मनसे गठबंधन में यूबीटी को होगा फायदा या नुकसान?
अगर राज ठाकरे एनडीए से जुड़ते हैं, तो सवाल उठता है कि एकनाथ शिंदे की पार्टी मुंबई में चुनाव कैसे लड़ेगी? क्या इस गठबंधन से यूबीटी को फायदा होगा या नुकसान? यह सब देखना अब दिलचस्प होगा।
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