KNEWS DESK – सकट चौथ, जिसे तिलकुट चौथ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है और विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं संतान सुख, उसकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत करती हैं। इस दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग लगाने की परंपरा है। तिलकुट का भोग लगाने का कारण क्या है, यह जानने के लिए हमें कुछ धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं को समझना होगा।
तिलकुट का भोग क्यों?
आपको बता दें कि सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग विशेष रूप से इसलिए अर्पित किया जाता है क्योंकि तिल और तिल से बनी चीजें भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय हैं। हिंदू धर्म में माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को तिल और तिल से बनी चीजों की विशेष पूजा होती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और समृद्धि का वास होता है।
व्रत और भोग की धार्मिक मान्यता
सकट चौथ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उसकी अच्छी सेहत के लिए रखा जाता है, इस दिन महिलाएं तिल और गुड़ से तिलकुट बना कर भगवान गणेश को अर्पित करती हैं। ऐसा माना जाता है कि तिलकुट का भोग अर्पित करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और घर के सभी कष्ट दूर होते हैं। इसके साथ ही, संतान की सेहत बेहतर रहती है और जीवन में समृद्धि आती है।
सकट चौथ 2025: कब है और क्यों मनाया जाता है?
इस साल सकट चौथ 17 जनवरी 2025 को है, जो शुक्रवार को पड़ रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी को सुबह 4:18 बजे शुरू होगी और 18 जनवरी को समाप्त होगी। इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है, और खासकर संतान के लिए यह व्रत अत्यधिक शुभ माना जाता है।