KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला इस बार एक ऐतिहासिक आयोजन बनकर उभर रहा है। इस वर्ष महाकुंभ के साथ जुड़ा है 144 वर्षों का दुर्लभ संयोग, जिससे इस बार अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इससे न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व बढ़ेगा, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी इसका प्रभाव काफी बड़ा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि महाकुंभ से देश की जीडीपी में एक प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, और इस वर्ष लगभग चार लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है।
महाकुंभ का कारोबार और जीडीपी पर प्रभाव
बता दें कि महाकुंभ तो हर 12 साल में आयोजित होता है, लेकिन इस बार 144 वर्षों के दुर्लभ संयोग के कारण अधिक श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान है। इससे महाकुंभ में व्यावसायिक गतिविधियों का स्तर उच्चतम पर पहुंचने की संभावना है। इसके चलते देश की जीडीपी में एक प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस आयोजन से लगभग चार लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। इस कारोबार में होटल, परिवहन, खुदरा, तीर्थयात्रा, और अन्य सेवा क्षेत्र शामिल होंगे। यदि हर श्रद्धालु औसतन पांच हजार रुपये खर्च करता है तो महाकुंभ से लगभग दो लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है। वहीं, अगर औसत खर्च बढ़कर दस हजार रुपये हो जाता है, तो यह आंकड़ा चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या और परिवहन की चुनौती
महाकुंभ का आयोजन जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है। इस वर्ष अनुमान है कि लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक महाकुंभ में शामिल होंगे। रविवार से ही प्रयागराज में श्रद्धालुओं का रेला सड़कों पर नजर आ रहा था। इसके बावजूद, ठंड और बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की तैयारियां पहले से ही कर ली हैं।
महाकुंभ के आयोजन के दौरान यातायात व्यवस्था में सुधार किया गया है। लगभग 200 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके। इसके अलावा, महाकुंभ के सभी घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं के मन में और अधिक श्रद्धा और उल्लास का संचार हो रहा है।
महाकुंभ के ऐतिहासिक पहलु
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है, लेकिन इस बार का महाकुंभ इसीलिए खास है क्योंकि यह 144 वर्षों के दुर्लभ संयोग में हो रहा है। प्रयागराज में इस बार मकर संक्रांति के अवसर पर एक विशेष स्नान पर्व का आयोजन भी होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक महत्व रखता है। इस महाकुंभ में प्रयागराज की 44 प्रमुख घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ठंड और बारिश के बावजूद, उत्साही श्रद्धालुओं की भीड़ पूरे क्षेत्र में देखी जा रही है। इस महा आयोजन से न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा, बल्कि इससे होने वाली व्यापारिक गतिविधियां भी पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी आर्थिक संजीवनी साबित होंगी।