KNEWS DESK – मकर संक्रांति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा और उनकी आराधना का होता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में भाग्य का उदय होता है और उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
विशेष स्नान, दान और पूजा की परंपरा
बता दें कि मकर संक्रांति का पर्व हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इस दिन विशेष स्नान, दान और पूजा की परंपरा है, जिनका पालन करके व्यक्ति अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकता है। इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी, और इस दिन को लेकर खास पूजा विधियों की जानकारी यहां दी जा रही है, जिससे आपकी किस्मत चमक सकती है और जीवन में तरक्की मिल सकती है।
मकर संक्रांति 2025 पूजा विधि
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव और भगवान विष्णु का ध्यान करना सबसे पहले आवश्यक है। इसके बाद निम्नलिखित विधि से पूजा करनी चाहिए:
स्नान और गंगाजल का उपयोग: मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर गंगाजल मिलाकर स्नान करें। यदि गंगाजल उपलब्ध न हो, तो सामान्य पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान किया जा सकता है। यह क्रिया पुण्य और शुद्धि के लिए की जाती है।
तांबे के लोटे से सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें: स्नान के बाद एक तांबे के लोटे में अक्षत (चिउड़े) और फूल डालें। फिर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इस दौरान निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
- ऊँ सूर्याय नमः
- ऊँ खगाय नमः
- ऊँ भास्कराय नमः
- ऊँ रवये नमः
- ऊँ भानवे नमः
- ऊँ आदित्याय नमः
इन मंत्रों के जाप से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके बाद सूर्य देव की स्तुति का पाठ करें, जिससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
मकर संक्रांति पर दान का महत्व
मकर संक्रांति पर स्नान और पूजा के साथ-साथ दान करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सूर्य देव की विशेष कृपा मिलती है।
- काले तिल का दान: इस दिन काले तिल का दान करना शुभ माना जाता है। यह सूर्य देव के साथ-साथ शनि देव की भी कृपा प्राप्त करने का एक साधन है।
- गर्म वस्त्रों का दान: मकर संक्रांति के दिन गरीबों को गर्म वस्त्र दान करना विशेष रूप से शुभ है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख और समृद्धि का वास होता है।
- ब्राह्मणों को दान: इस दिन ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र या अन्य दान देने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति 2025 शुभ मुहूर्त-
मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दौरान स्नान और दान करने से अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं। साथ ही, मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में गंगा स्नान और दान करना विशेष फलदायी होता है।