KNEWS DESK – उत्तराखंड में कई प्रमुख आयोगों के अध्यक्ष पदों पर रिक्तियां बनी हुई हैं, जो आगामी दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भरी जा सकती हैं। राज्य में निकाय चुनाव के बाद मुख्यमंत्री धामी सरकार इन रिक्तियों को भरने और विभिन्न आयोगों के दायित्वों का वितरण करने की योजना बना सकती है।
आयोगों के अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त
बता दें कि राज्य के विभिन्न आयोगों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इनमें से उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला आयोग के अध्यक्षों की कुर्सी इस सप्ताह खाली हो गई है। इन आयोगों के अध्यक्षों का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, और अब नई नियुक्तियों की आवश्यकता है। इसके अलावा, श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है।
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की अध्यक्ष पद की स्थिति
सबसे बड़ी चिंता राज्य के अल्पसंख्यक आयोग से जुड़ी हुई है, जिसका अध्यक्ष का पद पिछले एक साल से खाली पड़ा है। राज्य सरकार ने 2023 के दिसंबर महीने में इस आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की है, जिससे आयोग का कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही आयोग के दो उपाध्यक्षों की कुर्सी भी खाली पड़ी है। उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह का कार्यकाल अप्रैल 2024 में और उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब का कार्यकाल सितंबर 2024 में समाप्त हो गया था।
मुख्यमंत्री धामी का दायित्व वितरण
निकाय चुनाव के बाद जब चुनाव आचार संहिता समाप्त हो जाएगी, तब मुख्यमंत्री धामी सरकार इन रिक्त पदों की नियुक्ति पर विचार कर सकती है। राज्य महिला आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पदों के लिए भी नई नियुक्तियां संभव हैं। इन नियुक्तियों के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न नामों पर विचार कर रही है और जल्द ही इन पदों पर दायित्वों का वितरण किया जा सकता है।
आयोगों की कार्यप्रणाली पर असर
इन आयोगों में रिक्त पदों के कारण उनकी कार्यप्रणाली में रुकावटें आ रही हैं। खासकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला आयोग, जो समाज के कमजोर वर्गों के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, उनकी सक्रियता और निर्णय क्षमता पर असर पड़ा है। ऐसे में नई नियुक्तियां इन आयोगों को फिर से सक्रिय करने के लिए आवश्यक हैं।