उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तराखंड में मौसम विभाग की भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी के बीच प्रदेश में गतिमान शीतकालीन चारधाम यात्रा का संचालन सरकार के बेहद चुनौतिपूर्ण होता जा रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बर्फबारी की संभावना जताई है। हांलाकि राज्य सरकार पूरी तैयारी का दावा तो कर रही है. लेकिन विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने सरल और सुरक्षित यात्रा को लेकर कोई तैयारी नहीं की है। कांग्रेस ने इस दौरान उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में पिछले लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 158 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने पर भी सवाल खड़े किये हैं। इस बीच एसडीसी फाउंडेशन ने चारधाम यात्रा-2024 के संबंध में रिपोर्ट जारी की है। साथ ही इस आधार पर चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सस्टेनेबल बनाने का सुझाव भी दिया गया है। रिपोर्ट में चारधाम में धारण क्षमता यानि की (कैरिंग कैपेसिटी) और आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई है। पंजीकरण के सरलीकरण को लेकर भी सरकार को सुझाव दिया गया। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के अनुसार, इस रिपोर्ट में 192 दिन की चारधाम यात्रा का लेखा-जोखा है। इसके जरिए उन्होने सरकार को सुरक्षित और सस्टेनेबल यात्रा प्रबंधन के लिए दस सुझाव भी दिए है। इसके तहत धारण क्षमता, आपदा प्रबंधन, सरल तरीके से पंजीकरण, यात्रा रूट और चारधाम में बेहतर सुविधाएं, सरकारी राजस्व बढ़ोतरी के उपाय, शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहन और स्थानीय लोगों के हितों की अनदेखी नहीं करने का सुझाव दिया गया है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार का ध्यान सिर्फ यात्रा में भीड जुटाने पर है..धरातल पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे श्रद्धालुओं में गलत संदेश जा रहा है। सवाल ये है कि क्या सरकार इन सुझावों पर अमल करेगी, क्या सरकार का ध्यान सिर्फ श्रद्धालुओँ के आंकड़ों पर है
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा-2024 के समापन के बाद अब आगामी 2025 की चारधाम यात्रा से पहले सरकार से यात्रा को सुरक्षित और सस्टेनेबल बनाने के सुझाव भी दिये जा रहे है. इसी कडी में एसडीसी फाउंडेशन ने चारधाम यात्रा-2024 के संबंध में रिपोर्ट जारी करते हुए सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के अनुसार, इस रिपोर्ट में 192 दिन की चारधाम यात्रा का लेखा-जोखा है। इसके जरिए उन्होने सरकार को सुरक्षित और सस्टेनेबल यात्रा प्रबंधन के लिए दस सुझाव भी दिए है। इसके तहत धारण क्षमता, आपदा प्रबंधन, सरल तरीके से पंजीकरण, यात्रा रूट और चारधाम में बेहतर सुविधाएं, सरकारी राजस्व बढ़ोतरी के उपाय, शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहन और स्थानीय लोगों के हितों की अनदेखी नहीं करने का सुझाव दिया गया है…वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार का ध्यान यात्रा में भीड बढ़ाने पर है, व्यवस्थाओं पर नहीं है
आपको बता दें कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाईफलाईन है। प्रदेश की आर्थिकी में इस यात्रा का महत्वपूर्ण योग्दान है। यही वजह है कि सरकार से इस यात्रा के सकुशल संचालन के लिए सुझाव दिये जा रहे हैं. बता दें कि चारधाम यात्रा-2024 में 48 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये थे. जो कि पिछले वर्ष 2023 की चारधाम यात्रा से कम है. बता दें कि 2023 में 54 लाख 82 हजार श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किये थे.इस बीच मुख्यमंत्री धामी की ओर से राज्य में शुरू की गई शीतकालीन चारधाम यात्रा का संचालन सरकार के लिए बेहद चुनौतिपूर्ण होता जा रहा है. पहाड़ों में जारी भारी बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओँ को दर्शन कराना सरकार के लिए चुनौती है. वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने यात्रा को लेकर कोई तैयारी नहीं की है। कांग्रेस ने इस दौरान उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में पिछले लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 158 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने पर भी सवाल खड़े किये हैं।
कुल मिलाकर अगले वर्ष की चारधाम यात्रा के शुरू होने से पहले कई बडे सुझाव सरकार को एसडीसी फाउंडेशन ने दिये हैं। वहीं विपक्ष ने भी सरकार से एक कमेटी गठित कर इन सभी सुझावों के आधार पर आगामी यात्रा को सरल व सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य करने का सुझाव दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या सरकार इन सुझावों पर अमल करेगी या नहीं