KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण अब अंतिम चरण में है और रिपोर्ट जल्द ही अदालत में पेश की जाएगी। एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि मस्जिद की सर्वेक्षण रिपोर्ट 2 या 3 जनवरी तक अदालत में पेश कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसमें कुछ तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा।
सर्वे रिपोर्ट का अदालत में पेश होना महत्वपूर्ण
आपको बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर को सुनवाई करते हुए संभल की स्थानीय अदालत को 6 जनवरी तक कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया था, और साथ ही प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सद्भाव बनाए रखने के निर्देश दिए थे। हालांकि, सर्वे रिपोर्ट 6 जनवरी से पहले अदालत में दाखिल की जाएगी। एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि यह अदालत का आखिरी कार्य दिवस है, जिसके बाद कोर्ट बंद हो जाएगी, लेकिन सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
हिंसा और तनाव के बाद बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था
शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर को स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस संघर्ष में चार लोगों की जान गई थी, और कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। हिंसा के कारण पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया था और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया था। इस घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि शांति बनी रहे।
हिंदू पक्ष का दावा और अदालत का आदेश
मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही जामा मस्जिद का निर्माण मुग़ल सम्राट बाबर ने 1526 में एक हिंदू मंदिर को ध्वस्त करके किया था। इस दावे के आधार पर, स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर को एक पक्षीय आदेश जारी किया था, जिसमें मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति बनाए रखने का आदेश दिया और अदालत से सर्वेक्षण की कार्यवाही को रोकने का निर्देश भी दिया था। अदालत ने 29 नवंबर को यह आदेश दिया था और कहा था कि कोई भी कार्रवाई 6 जनवरी तक नहीं की जाएगी।