KNEWS DESK, प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल का सोमवार शाम 6:30 बजे निधन हो गया। उन्होंने 90 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके निधन से भारतीय सिनेमा को गहरा सदमा लगा है। बेनेगल ने 1970 और 1980 के दशक में भारतीय सिनेमा में ‘अंकुर’, ‘निशांत’, और ‘मंथन’ जैसी फिल्मों के जरिए समानांतर सिनेमा की शुरुआत की थी, जो आज भी भारतीय सिनेमा का अभिन्न हिस्सा मानी जाती हैं।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख
श्याम बेनेगल के निधन पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने शोक संदेश में कहा, “श्याम बेनेगल का निधन भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत है। उन्होंने एक नए तरह का सिनेमा शुरू किया और कई क्लासिक फिल्में बनाई। एक सच्ची संस्था, उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया। उनके असाधारण योगदान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण जैसे पुरस्कारों के रूप में सम्मानित किया गया।” राष्ट्रपति मुर्मू ने बेनेगल के परिवार और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “श्री श्याम बेनेगल जी के निधन पर गहरा दुख हुआ। उनकी कहानी कहने की शैली ने भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव डाला। उनके कार्यों की प्रशंसा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा की जाती रहेगी। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ॐ शांति।”
श्याम बेनेगल का योगदान
श्याम बेनेगल भारतीय सिनेमा के महान निर्देशकों में एक माने जाते थे। उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए भारतीय समाज की गहरी और संवेदनशील चित्रण किया, खासकर समाज के तंग और दबे-कुचले तबकों के मुद्दों को सामने लाया। उनकी फिल्में भारतीय सिनेमा के लिए एक नई दिशा लेकर आईं और उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर प्रभावी रूप से टिप्पणी की। श्याम बेनेगल को उनके असाधारण योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा में समानांतर सिनेमा आंदोलन को सशक्त किया और उन्हें भारतीय सिनेमा में एक अहम स्थान दिलवाया।