KNEWS DESK – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समय पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर हैं। शनिवार को वह त्रिपुरा पहुंचे, जहां उन्होंने 72वीं पूर्वोत्तर परिषद की बैठक में हिस्सा लिया। उनके दौरे का अहम उद्देश्य ब्रू रियांग समुदाय की पुनर्वास बस्तियों का निरीक्षण करना और वहां विभिन्न विकास योजनाओं का शुभारंभ करना है। विशेष रूप से, रविवार को वह त्रिपुरा के धलाई इलाके में स्थित ब्रू रियांग पुनर्वास बस्तियों का दौरा करेंगे, जो कि ऐतिहासिक ब्रू रियांग समझौते के तहत स्थापित की गई हैं।
ब्रू रियांग समझौता एक ऐतिहासिक पहल
बता दें कि ब्रू रियांग समझौता जनवरी 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर हुआ था। इस समझौते में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, मिजोरम सरकार और ब्रू रियांग समुदाय के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत मिजोरम से विस्थापित करीब 37,000 ब्रू रियांग परिवारों को त्रिपुरा में पुनः बसाने की योजना तैयार की गई थी। इन विस्थापितों को न केवल त्रिपुरा में बसने का अधिकार दिया गया, बल्कि उन्हें राज्य के सामान्य नागरिकों के समान अधिकार भी प्राप्त होंगे, जैसे कि सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ।
विकास की दिशा में कदम
इस समझौते के चार साल बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के त्रिपुरा दौरे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन विस्थापितों के पुनर्वास और विकास के लिए उठाए गए कदमों का सही तरीके से कार्यान्वयन हो रहा है। शाह के दौरे के दौरान, वह ब्रू रियांग समुदाय के लिए चल रही पुनर्वास योजनाओं का निरीक्षण करेंगे और कई नए विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
समाज कल्याण योजनाओं का लाभ
ब्रू रियांग समझौते के तहत, भारत सरकार ने इन समुदायों को एक पैकेज के रूप में करीब 600 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने का वादा किया था। इस धनराशि का उपयोग विभिन्न बुनियादी सुविधाओं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और आवास, के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, इन परिवारों को केंद्र और राज्य सरकारों की सामाजिक कल्याण योजनाओं का भी लाभ मिलेगा, जिससे उनका जीवनस्तर सुधारने में मदद मिलेगी।
विस्थापन और पुनर्वास का अनूठा उदाहरण
ब्रू रियांग समुदाय के पुनर्वास का यह उदाहरण भारतीय इतिहास में अनूठा है, क्योंकि विस्थापित समुदायों के पुनर्वास के लिए इतनी व्यापक और समन्वित पहल पहले कभी नहीं देखी गई। मिजोरम और त्रिपुरा की सीमा पर स्थित इस क्षेत्र में रहने वाले लगभग 37,000 लोग अब नए पुनर्वास कॉलोनियों में बसने लगे हैं। यह समझौता न केवल इन परिवारों के लिए नई शुरुआत है, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति और सहयोग का प्रतीक भी बन गया है। गृह मंत्री अमित शाह का यह दौरा भविष्य में होने वाली परियोजनाओं की दिशा तय करेगा।