KNEWS DESK – हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है, जो हर साल सोमवार को अमावस्या तिथि पड़ने पर मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा, पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विशेष उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और मां लक्ष्मी की कृपा से धन व समृद्धि का वास होता है। अगर आप भी इस दिन मां लक्ष्मी और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो कुछ खास स्थानों पर दीपक जलाने के उपाय जानें जो आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं।
कब है सोमवती अमावस्या
इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन पौष माह की अमावस्या होगी। अमावस्या का समय सुबह 04:01 बजे से लेकर 31 दिसंबर को सुबह 03:56 बजे तक रहेगा।
सोमवती अमावस्या पर दीपक कहां लगाएं
- दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं
सोमवती अमावस्या पर सबसे प्रभावी उपाय यह है कि घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। - पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं
अमावस्या तिथि पर पीपल के पेड़ की पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ पर देवी-देवताओं के साथ-साथ पितरों का भी वास होता है। इस दिन पीपल के पेड़ के पास सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। - मुख्य द्वार पर दीपक लगाएं
यदि आप रोजाना भी अपने घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते हैं, तो सोमवती अमावस्या के दिन विशेष रूप से सरसों या तिल के तेल का दीपक जरूर लगाएं। इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है, और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
सोमवती अमावस्या के अन्य धार्मिक उपाय
- इस दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों में स्नान करना और दान-पुण्य करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
- पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करना, विशेष रूप से इस दिन करना, पितृदोष समाप्त करने में सहायक होता है।
- घर के अंदर किसी भी प्रकार के अंधेरे या नकारात्मकता को दूर करने के लिए दीपक जलाना चाहिए।