Kisan Andolan: आज ट्रैक्टर के साथ देश के अलग-अलग राज्यों में कूच करेंगे किसान, पंजाब में ‘रेल रोको’ आंदोलन का किया ऐलान

KNEWS DESK – 16 दिसंबर 2024 को किसानों का आंदोलन अपने चरम पर पहुंचता दिख रहा है। किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर पंजाब और अन्य राज्यों में ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, 18 दिसंबर को पंजाब में ‘रेल रोको’ आंदोलन का ऐलान किया गया है, जिससे रेल यातायात प्रभावित हो सकता है।

किसान आंदोलन 2.0 ट्रैक्टर मार्च की योजना

बता दें कि किसान नेता इस बार पंजाब के अलावा कई अन्य राज्यों में भी ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। इस आंदोलन के पीछे किसानों का उद्देश्य उनकी लंबित मांगों को लेकर सरकार का ध्यान खींचना है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि उन्होंने पंजाब के 13,000 गांवों में रहने वाले लोगों को 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे रेलवे ट्रैक जाम करने के लिए बुलाया है। इस आंदोलन का मकसद पंजाब में रेल यातायात को पूरी तरह से बाधित करना है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़े।

आज कई राज्यों में किसानों का ट्रैक्टर मार्च, हरियाणा से दिल्ली तक पुलिस का  सख्त पहरा | Farmers protest tractor march 16 December Shambhu border delhi rail  roko punjab 18 December

पैदल कूच के दौरान हुई हिंसा

किसान आंदोलन के पहले चरण में, किसान नेताओं ने 6, 8 और 14 दिसंबर को दिल्ली जाने का प्रयास किया था, लेकिन हर बार उन्हें पुलिस प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। 14 दिसंबर को किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, जिससे 17 किसान घायल हो गए। इस घटना के बाद किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को और तीव्र करने का निर्णय लिया और अब वे ट्रैक्टर मार्च की योजना बना रहे हैं।

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रेल रोको आंदोलन की योजना 

किसान नेताओं ने कहा कि इस आंदोलन में पंजाब के सभी रेलवे क्रॉसिंग के पास रहने वाले लोग शामिल होंगे। उनका कहना है कि यह आंदोलन केवल किसानों के हितों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि मजदूरों के कल्याण के लिए भी है। इस संबंध में उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के प्रमुख राकेश टिकैत को पत्र भी लिखा है, जिसमें मजदूरों के समर्थन की अपील की गई है। रेल रोको आंदोलन का प्रभाव बड़े पैमाने पर होने की संभावना है, क्योंकि इससे पंजाब और अन्य राज्यों में रेल यातायात बाधित हो सकता है। आम जनता को अपनी यात्रा में देरी हो सकती है और रेल यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

हरियाणा से दिल्ली तक पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है, ताकि किसानों के ट्रैक्टर मार्च को बिना किसी बड़े संघर्ष के शांतिपूर्ण तरीके से नियंत्रित किया जा सके। पुलिस द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि आंदोलन के दौरान कानून-व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए।

किसानों की जंग जारी

किसानों की यह जंग केवल उनके अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि कृषि सुधारों और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भी है। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र करे और उनके हितों की रक्षा सुनिश्चित करे। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और संघर्षों के बावजूद किसान संगठनों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी आवाज सुनी नहीं जाती।

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