KNEWS DESK – भारत में “एक देश, एक चुनाव” के प्रस्ताव को लेकर मंगलवार, 17 दिसंबर को लोकसभा में 129वां संविधान संशोधन बिल पेश किया जा सकता है। इस बिल को विस्तृत चर्चा और सहमति बनाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भेजने का प्रस्ताव है। वहीं, कल जेपीसी का गठन भी किया जाएगा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों के नाम की घोषणा की जाएगी।
विधेयक में क्या है विशेष?
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने 12 दिसंबर 2024 को वन नेशनल वन इलेक्शन बिल को मंजूरी दी थी, जिसके अनुसार 2034 के बाद देश में एक साथ चुनाव कराए जाने का प्रस्ताव है। यह विधेयक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव को एक ही समय पर कराने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
संविधान में प्रस्तावित बदलाव में दो मुख्य विधेयक शामिल हैं: केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024 और संविधान (129वां) विधेयक 2024। इन विधेयकों के माध्यम से संविधान के चार महत्वपूर्ण अनुच्छेदों में बदलाव किया जाएगा।
संविधान में किए जाने वाले संशोधन
सरकार का प्रस्ताव है कि संविधान के चार अनुच्छेदों—82ए, 83, 172 और 327—में संशोधन किया जाए। इनमें विशेष रूप से अनुच्छेद 82ए में एक नया आर्टिकल जोड़ा जाएगा, जिसमें लोकसभा और सभी विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की बात होगी। इसके अलावा, अनुच्छेद 83 (संसद के कार्यकाल), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल) और अनुच्छेद 327 (निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन) में भी बदलाव किए जाएंगे। अनुच्छेद 327 में “निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन” शब्दों को बदलकर “एक साथ चुनाव कराना” शब्दों से बदला जाएगा।
कब से शुरू होगा “एक देश, एक चुनाव”?
इस विधेयक में 2034 के बाद देश में एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव है, जिससे लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे। इससे पहले भी भारत में एक साथ चुनाव कराए गए थे। 1951-52, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए थे। हालांकि, 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण एक साथ चुनाव की प्रक्रिया बाधित हो गई थी और उसके बाद अलग-अलग चुनाव होने लगे।
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति की सिफारिशें
“एक देश, एक चुनाव” के प्रस्ताव को लेकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी, जो 2 सितंबर, 2023 को गठित हुई थी। इस समिति ने 14 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें सौंपीं, जिसमें एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया गया।
अगले कदम और राजनीतिक प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक दलों से चर्चा की शुरुआत की है। अब यह बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसके बाद इसे विस्तृत चर्चा और सहमति बनाने के लिए JPC में भेजा जाएगा। विभिन्न दलों से प्रतिक्रिया और विचार विमर्श के बाद इस बिल पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
“एक देश, एक चुनाव” के इस प्रस्ताव से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने और चुनावी खर्चों में कमी लाने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद भी हो सकते हैं, जिन्हें समझौते और सहमति के माध्यम से सुलझाने की कोशिश की जाएगी।