KNEWS DESK – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2024 यानि आज को प्रयागराज का दौरा किया, जहां उन्होंने महाकुंभ मेला की तैयारियों का जायजा लिया और विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने महाकुंभ की ऐतिहासिक महत्वता और उसके साथ-साथ शहर के विकास को लेकर अपनी सरकार के प्रयासों को साझा किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेला भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, और यह एकता और सामूहिकता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
महाकुंभ मेला एकता का महायज्ञ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में महाकुंभ मेला को हजारों साल पुरानी परंपरा का हिस्सा बताते हुए कहा, “यह महाकुंभ मेला एकता का महायज्ञ है, जिसमें देश के विभिन्न कोनों से श्रद्धालु आते हैं और संगम में डुबकी लगाते हैं। यहां जाति, धर्म और संप्रदाय का भेद मिट जाता है, और सभी लोग एकता के सूत्र में बंधे होते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस बार के महाकुंभ की चर्चा दुनिया भर में होगी, और इसके आयोजन से पूरे देश में सकारात्मकता का प्रसार होगा।
धार्मिक और ऐतिहासिक शहरों का विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले की सफलता के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले कर्मचारियों, श्रमिकों और सफाईकर्मियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ जैसी विशाल और ऐतिहासिक घटनाओं के सफल आयोजन में कई मुश्किलें आती हैं। यह कोई सामान्य आयोजन नहीं है, जहां लाखों श्रद्धालुओं का स्वागत और सेवा की जाती है। हम इस अवसर पर नए नगर बसाने का एक बड़ा अभियान चला रहे हैं, जो इतिहास में याद रखा जाएगा।”
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहरों को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के अभियान में जुटी हुई है। उन्होंने कहा, “पहले की सरकारों में महाकुंभ के रख-रखाव पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन आज हमारी सरकार इसे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में संरक्षित करने के लिए काम कर रही है।”
प्रयागराज की महत्वता
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ तीन पवित्र नदियों का संगम नहीं है, बल्कि यहां की मिट्टी में वह शक्ति है जो पुराणों और वेदों में व्यक्त की गई है। यहां की सरस्वती और गंगा-यमुना का संगम शुद्धता और धार्मिकता का प्रतीक है।” पीएम मोदी ने यह भी बताया कि यहां सूर्य मकर में प्रवेश करते ही समस्त देवता और ऋषि-मुनि एकत्र होते हैं, जिससे यह स्थान और भी पवित्र बन जाता है।
5,500 करोड़ की विकास परियोजनाएं
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने प्रयागराज के विकास के लिए 5,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य महाकुंभ 2025 के लिए शहर की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाना और बेहतर करना है। प्रधानमंत्री ने संगम में पूजा अर्चना की और ऐतिहासिक अक्षयवट वृक्ष तथा हनुमान मंदिर का भी दौरा किया।
भविष्य के लिए विकास की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह केवल महाकुंभ नहीं, बल्कि पूरे देश के धार्मिक शहरों की पहचान और संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने प्रयागराज और अन्य धार्मिक शहरों के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, ताकि आने वाले समय में इन शहरों में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।