KNEWS DESK – शतरंज की दुनिया में भारत का परचम एक बार फिर लहराया है। 18 वर्षीय डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतकर न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया। गुरुवार को हुए विश्व चैंपियनशिप के 14वें और अंतिम दौर में गुकेश ने मौजूदा चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब अपने नाम किया।
सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन
डी गुकेश ने यह उपलब्धि 18 साल की उम्र में हासिल की, जिससे वह सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। इससे पहले यह खिताब किसी भारतीय ने 12 साल पहले, 2012 में विश्वनाथन आनंद के रूप में जीता था। गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत ने पूरे देश को गर्व करने का मौका दिया है।
गुकेश की प्रेरणादायक यात्रा
चेन्नई में 7 मई 2006 को जन्मे डोमाराजू गुकेश ने महज सात साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया। उनके पिता डॉक्टर और मां माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं। प्रारंभिक कोचिंग उनके प्रशिक्षक भास्कर ने दी, लेकिन उनके खेल में असली निखार तब आया जब पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने उन्हें प्रशिक्षित किया।
गुकेश ने 12 साल, 7 महीने, और 17 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल कर भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने का रिकॉर्ड बनाया। हालांकि वह दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर का रिकॉर्ड 17 दिनों से चूक गए।
2024: एक यादगार वर्ष
2024 में गुकेश ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट और शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीता। इसी वर्ष उन्होंने दुनिया के शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाई और अब विश्व चैंपियन बनकर इस सूची में सबसे ऊपर पहुंच गए।
तकनीकी इंजनों से दूर, अपनी शैली पर ध्यान
गुकेश की तैयारी का तरीका भी खास रहा। उन्होंने तकनीकी इंजनों (कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर) का कम उपयोग किया और अपनी क्षमता और खेल पर अधिक ध्यान दिया। उनके कोच विष्णु प्रसन्ना ने इस तकनीक की सराहना करते हुए इसे एक जोखिम भरा लेकिन सही कदम बताया।
रिकॉर्ड और उपलब्धियां
- 2015 में एशियाई स्कूल शतरंज चैंपियनशिप के अंडर-9 वर्ग में स्वर्ण पदक।
- 2018 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप का खिताब।
- 2022 में 2700+ रेटिंग के क्लब में प्रवेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक।
- 2023 में मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी।
- 2023 में भारतीय शतरंज रैंकिंग में विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ शीर्ष स्थान हासिल किया।
गुकेश की विशेषताएं
गुकेश का जुनून और दृढ़ निश्चय उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। उनके कोच विष्णु कहते हैं, “वह खेल के प्रति जुनूनी हैं और अपने लक्ष्य पर पूरी तरह से केंद्रित रहते हैं।” उन्होंने अपने खेल को क्लासिकल चेस पर केंद्रित रखा और अन्य प्रारूपों में कम हिस्सा लिया।